भोपाल। मध्य प्रदेश के शासकीय अधिकारी एवं कर्मचारियों के तबादलों पर निर्वाचन आयोग द्वारा रोक लगा दी गई। कलेक्टर-कमिश्नर से लेकर पटवारी और शिक्षक तक सभी प्रशासनिक अधिकारी एवं कर्मचारियों के स्थानांतरण रोक दिए गए हैं। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने सामान्य प्रशासन विभाग मध्यप्रदेश शासन को पत्र लिखकर कहा है कि यदि कोई ट्रांसफर शासन के हित में अत्यंत आवश्यक है, तब निर्वाचन आयोग की अनुमति से तबादला किया जा सकता है।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अधिकारियों ने बताया कि मतदाता सूची के कार्य में संभागायुक्तों को पर्यवेक्षक बनाया गया है। वहीं, कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी के नेतृत्व में पुनरीक्षण कार्य संपन्न् होना है। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के लिए अनुविभागीय अधिकारी (एसडीएम) को रजिस्ट्रीकरण अधिकारी बनाया है। इनकी मदद के लिए तहसीलदार और नायब तहसीलदार को सहायक रजिस्ट्रीकरण नियुक्त किया है।
65 हजार शिक्षक, पटवारी सहित अन्य कर्मचारियों को बूथ लेवल आफिसर बनाया गया है। इन्हें नौ नवंबर से आठ दिसंबर तक मतदान केंद्रों पर बैठना है और सप्ताह में दो दिन (शनिवार और रविवार) घर-घर संपर्क अभियान चलाना है। इनके द्वारा नाम जोड़ने, हटाने या संशोधन के जो आवेदन लिए जाएंगे, उनका निराकरण 26 दिसंबर तक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी करेंगे।
मतदाता सूची के इस कार्य को देखते हुए निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने सामान्य प्रशासन विभाग को पत्र लिखकर चुनाव कार्य में लगे अधिकारियों-कर्मचारियों का तबादला नहीं करने के लिए कहा है। यदि किसी अधिकारी-कर्मचारी का तबादला करना आवश्यक हो जाता है तो पहले आयोग की अनुमति लेनी होगी।