भोपाल। यदि सरकारी सिस्टम और खजाने से छिंदवाड़ा में हुए विकास के लिए कमलनाथ को क्रेडिट दिया जाता है तो छिंदवाड़ा के सरकारी सिस्टम में में होने वाले घोटाले, अपराध और दूसरे नकारात्मक कामों के लिए भी कमलनाथ को ही जिम्मेदार माना जाना चाहिए। पॉजिटिव और नेगेटिव मिलाकर ही तो छिंदवाड़ा मॉडल होता है।
ताजा समाचार यह है कि छिंदवाड़ा के सरकारी स्कूलों में उस विचारधारा को बढ़ावा दिया जा रहा है जिसमें ईश्वर के प्रति आस्था और विश्वास को पाखंड बताया जाता है। यहां उल्लेख अनिवार्य है कि 2014 के पहले छिंदवाड़ा से लेकर बालाघाट तक, सरकारी स्कूलों में एक खास मिशन चलाया गया था। जिसमें उन्हें बताया गया था कि चर्च में प्रार्थना करने से उनकी मनोकामना अवश्य पूरी होती है।
आज की घटना क्रम में छिंदवाड़ा के मिडिल स्कूल घोराड़ में शासकीय शिक्षक ओमप्रकाश ढोके पर आरोप है कि उन्होंने बुधवार को कक्षा 6 एवं कक्षा 7 के 5 स्टूडेंट्स को इसलिए पीटा क्योंकि उनके माथे पर तिलक लगा हुआ था। बच्चों ने बताया कि उन्हें पीटते हुए उनके शिक्षक ओम प्रकाश ने कहा कि, तिलक लगाकर स्कूल मत आया करो। मंदिर जाने से कुछ नहीं होता। यह कहते हुए पांचों बच्चों को पीटा। मुक्के मारे। दो बच्चों ने बताया कि उसकी पीठ में अभी भी दर्द हो रहा है। जब बच्चों ने यह जानकारी पेरेंट्स को दी और स्कूल में हंगामा शुरू हुआ तो बताया गया कि शिक्षक को हटा दिया गया है।
समाचार लिखे जाने तक हटाने का तात्पर्य स्पष्ट नहीं किया गया था। ट्रांसफर किया गया है या सस्पेंड किया गया है। यह भी स्पष्ट नहीं किया गया था कि मामले में पुलिस इंक्वायरी होगी या नहीं।