भोपाल। राजस्व विभाग मंत्रालय मध्यप्रदेश शासन ने राजस्व निरीक्षकों को प्रमोशन देकर नायब तहसीलदार बनाने का प्लान तैयार कर लिया है परंतु यह प्रमोशन अस्थाई होगा। जैसे ही नियमित भर्ती होगी, वैसे ही पदोन्नति अपने आप रद्द हो जाएगी और नायब तहसीलदार फिर से राजस्व निरीक्षक बन जाएंगे।
फिलहाल 504 नायब तहसीलदारों के पदों पर राजस्व निरीक्षकों को पदस्थ करने की तैयारी चल रही है। मध्य प्रदेश में कुल 1242 नायब तहसीलदार पद हैं इनमें से 502 खाली हैं और 2 इस साल खाली हो जाएंगे। राजस्व विभाग ने अपने प्रस्ताव में बताया है कि लोकसभा चुनाव 2024 से पहले 504 नायब तहसीलदार पदों पर नियुक्ति अनिवार्य है। सरकार के पास सिर्फ दो ही विकल्प हैं। या तो रिक्त पदों पर नियमानुसार भर्ती करें या फिर राजस्व निरीक्षकों को अस्थाई रूप से प्रभारी नायब तहसीलदार बना दिया जाए। सरकार ने दूसरा विकल्प चुना है।
प्रभारी नायब तहसीलदार बनने के लिए योग्यता
- ऐसे राजस्व निरीक्षक जिन्होंने पद पर 5 साल की सेवा पूरी कर ली हो।
- पांच वर्ष यानी वर्ष 2017 से 2021 तक के गोपनीय प्रतिवेदन होना चाहिए। समग्र मूल्यांकन का योग कम से कम 10 अंक हो।
- गोपनीय प्रतिवेदन में किसी में भी मूल्यांकन 'औसत' से कम अर्थात 'घटिया' श्रेणी का नहीं होना चाहिए।
- कोई विभागीय जांच, अनुशात्मक कार्रवाई, लोकायुक्त समेत अन्य कोई केस या फिर दंड का प्रभाव समाप्त नहीं हुआ है तो संबंधित पात्र नहीं होगा।
कौन से राजस्व निरीक्षकों के नाम हटा दिए जाएंगे
- यदि कोई राजस्व निरीक्षक प्रभार लेने से इनकार करता है या उपस्थित नहीं होता है तो उसका नाम हटाया जा सकेगा।
- प्रभार की अवधि में ट्रांसफर के लिए वही नीति लागू होगी, जो जूनियर प्रशासकीय सेवा के अधिकारियों के लिए लागू होती है।
- प्रभार में उच्च पद पर कार्य करने वाले अधिकारी वही सभी भत्ते प्राप्त करने के लिए पात्र होंगे, जो प्रभार प्राप्त करने से ठीक पहले प्राप्त कर रहे थे।
- प्रभारी नायब तहसीलदार को जूनियर प्रशासकीय सेवा के वेतनमान/क्रमोन्नति की पात्रता नहीं होगी।
- प्रभार में निचले पद यानी राजस्व निरीक्षक के पद का कार्य नहीं करेंगे। उन्हें प्रभारी नायब तहसीलदार के रूप में नायब तहसीलदार की शक्तियां प्राप्त होंगी।
- प्रभारी नायब तहसीलदार के रूप में सिर्फ जिला या संभागीय कार्यालय में ही पदस्थापना की जाएगी, अन्य विभागों में पदस्थ नहीं किया जाएगा।
- जब भी नियमित रूप से नायब तहसीलदार के पद पर नियुक्ति होगी, तब पुन: राजस्व निरीक्षक बन जाएंगे।
- प्रभारी नायब तहसीलदार पद पर कार्य करने वाले किसी भी राजस्व निरीक्षक को भविष्य में पदोन्नति में विचारण में वरीयता का कोई अधिकार नहीं होगा।
- प्रभारी नायब तहसीलदार के रूप में उन राजस्व निरीक्षकों का ही चयन किया जाएगा, जो दिसंबर-2022 तक रिटायर्ड नहीं होंगे।
मध्यप्रदेश में पहले भी बना चुके हैं प्रभारी नायब तहसीलदार
इससे पहले पांच बार राजस्व निरीक्षकों को नायब तहसीलदार की शक्तियां दी जा चुकी हैं। सबसे पहले 12 मई 2016 को शक्तियां दी गई थी। इसके बाद 6 जून 2016, 1 जुलाई 2016, 16 मार्च 2017 और 2 जून 2017 को भी राजस्व निरीक्षकों को नायब तहसीलदार बनाया गया था। मप्र कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के विरोध के बाद 10 फरवरी 2020 को प्रभारी नायब तहसीलदारों को फिर से उनके मूल पद पर भेज दिया गया था।