ग्वालियर। विजयदशमी के अवसर पर क्षत्रिय समाज के दशहरा मिलन समारोह में ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक विधायक एवं मंत्री ओपीएस भदौरिया ने एक ऐसा बयान दिया जो विवादित हो गया। एक तरफ ब्राह्मण समाज नाराज हुआ तो दूसरी तरफ पार्टी की गाइडलाइन भी टूट गई।
ग्वालियर में क्षत्रिय समाज के दशहरा मिलन समारोह को संबोधित करते हुए शिवराज सिंह चौहान सरकार में मंत्री ओपीएस भदौरिया ने कहा कि यदि पूरी दुनिया पर क्षत्रियों का राज कायम करना है, तो एकता लानी होगी। चाहे किसी दल का नेता हो, क्षत्रिय होगा, तो समर्थन करेंगे। इसके अलावा उन्होंने कहा कि, जो चतुर कम्युनिटी थी, जो बुद्धिजीवी जातियां थी, लंबे समय तक हमारा दुरुपयोग करती रही।
सोशल मीडिया पर उनके बयान का वीडियो वायरल होने के बाद चतुर जाति शब्द का तात्पर्य ब्राह्मण जाति माना गया और इस बयान के लिए उनकी आलोचना की जाने लगी। ब्राह्मण समाज के लोग उनके खिलाफ लामबंद होने लगे। उन्हें याद दिलाया जाने लगा कि किस प्रकार ब्राह्मण समाज ने क्षत्रिय समाज का हर समय मार्गदर्शन किया और साथ ही दिया। समय आने पर बलिदान भी दिया।
वैसे ओपीएस भदोरिया व्यक्तिगत रूप से अक्सर ब्राह्मणों से उलझते रहते हैं। कुछ समय पहले एक ब्राह्मण ठेकेदार के प्रति आपत्तिजनक बयान दिया था और उस मामले में काफी किरकिरी हुई थी।
विवाद बढ़ने के बाद मंत्री ओपीएस भदौरिया ने सफाई देते हुए कहा कि चतुर जाति से उनका तात्पर्य ब्राह्मण समाज नहीं बल्कि मुगल और अंग्रेज थे। हालांकि उन्होंने (चाहे किसी दल का नेता हो...) पर कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया।