कर्मचारियों को सातवां वेतनमान मामले में आईसीपी केसरी को हाईकोर्ट की चेतावनी- MP NEWS

Bhopal Samachar
जबलपुर
। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में प्रशासनिक न्यायाधीश शील नागू की एकलपीठ ने नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के सचिव आईसीपी केशरी (आईएएस) से पूछा है कि क्यों ना उनके विरुद्ध अवमानना की कार्यवाही की जाए। हाई कोर्ट ने उन्हें जवाब देने के लिए 7 नवंबर 2022 को तलब किया है। मामला दो कर्मचारियों को सातवां वेतनमान का लाभ नहीं देने से जुड़ा हुआ है। 

अवमानना याचिकाकर्ता नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण, भोपाल में कार्यरत कर्मचारी परसराम यादव व बालकिशन यादव की ओर से अधिवक्ता सुधा गौतम ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि अवमानना याचिकाकर्ताओं ने वर्ष 2019 में हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सातवें वेतनमान का लाभ देने की मांग की थी। नियम के अनुसार नियमित कर्मचारी उक्त लाभ पाने का अधिकारी है। हाई कोर्ट ने 28 नवंबर, 2019 को प्राधिकरण को आदेश दिए थे कि तीन माह के भीतर याचिकाकर्ताओं को उक्त लाभ दिया जाए। 

जब आदेश का पालन नहीं हुआ तो वर्ष 2020 में अवमानना याचिका दायर की गई। इसके दो साल बाद भी कार्रवाई नहीं की गई। मामले की सुनवाई के दौरान प्राधिकरण के सचिव ने जवाब पेश कर बताया कि प्रस्ताव बनाकर 30 नवंबर, 2021 को वित्त मंत्रालय को भेज दिया गया है। वित्त मंत्रालय की स्वीकृति मिलते ही आदेश का पालन किया जाएगा। कोर्ट ने कहा, चूंकि प्राधिकरण ही याचिकाकर्ताओं का नियोक्ता है इसलिए उनकी जिम्मेदारी है कि वे आदेश का पालन करें। तीन साल बाद भी आदेश का पालन नहीं हुआ, जोकि अवमानना की श्रेणी में आता है।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!