Property registry payment dispute law cases
ऐसा कोई भी संपत्ति अंतरण (ट्रांसफर) जो 100 रुपये या उससे अधिक मूल्य की अचल संपत्ति है या किसी उत्तरभोग अन्य अचल वस्तु में है तब केवल उसका परिदान रजिस्ट्रीकृत लिखित होगा। अगर हम अचल संपत्ति की विक्रय बात करे तो विक्रय अभिलेख में उसकी कीमत होना अवश्य ही होना चाहिए, कीमत भविष्य में देय भी हो सकती है।
अतः संपत्ति अंतरण अधिनियम,1882 की धारा 54 के अनुसार विक्रय को पूर्ण होने के लिए कीमत का भुगतान, विक्रय का एक अनिवार्य तत्व मानती है। हम बात कर रहे हैं कि संपत्ति में विक्रय अभिलेख (दस्तावेज) में भविष्य में कीमत देने का उल्लेख नहीं होगा तो क्या वह संपत्ति अन्तरण वैध होगा या नहीं जानिए सुप्रीम का महत्वपूर्ण निर्णय।
केवल कृशन बनाम राजेश और अन्य -निर्णय वर्ष 2021
उक्त मामले में उच्चतम न्यायालय यदि किसी अचल संपत्ति के संबंध में विक्रय-विलेख (दस्तावेज) का निष्पादन कीमत के भुगतान बिना किया गया है एवं उसमे कीमत का भुगतान भविष्य में किए जाने का भी उल्लेख नहीं है तब यह अन्तरण विधि की दृष्टि में विक्रय नहीं है एवं ऐसा कोई भी विक्रय दस्तावेज शून्य (प्रारम्भ से ही अवैध) होगा। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665
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