वैज्ञानिकों ने चांद की मिट्टी और उस पर उपलब्ध पानी से ब्रिक्स (ईटें) बनाने में सफलता हासिल कर ली है। इसके साथ ही भविष्य में चांद पर बस्ती बनाने के सपने की तरफ इंसानों का एक मजबूत कदम आगे बढ़ गया है।
वैज्ञानिकों के समूह में से एक रणंजय घोष ने बताया कि सबसे पहले 3D प्रिंट तैयार किया गया। चांद की सतह पर उपलब्ध मिट्टी, चंद्र रेजोलिथ (चंद्रमा की सतह पर ढीली सामग्री) से बनी हुई ब्रिक्स चंद्रमा पर किसी भी प्रकार की प्रॉपर्टी के प्रोजेक्ट के लिए सबसे महत्वपूर्ण विकल्प है। उन्होंने बताया कि शुरुआत में ब्रिक्स काफी नाजुक थी परंतु जब उन्हें 1200 डिग्री सेल्सियस पर बेक किया गया। अब परिणाम काफी अच्छे थे।
अब हमारे पास चांद की मिट्टी से बनी ऐसी ईटें मौजूद है जो भारतीय वायु मंडल के दवाब का 250 मिलियन अधिक तक दबाव सहन कर सकती हैं। अंतरिक्ष में किसी भी प्रकार के निर्माण के लिए इतनी मजबूती का होना जरूरी है। उन्होंने बताया कि वैसे भी पृथ्वी से अंतरिक्ष में किसी भी प्रकार की मशीनों और सामग्री को ले जाना काफी कठिन है। हमें वहां पर मौजूद सामग्री का उपयोग करना पड़ेगा, और वहीं पर कुछ नई मशीन भी बनानी पड़ेगी।