भारत में 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों से काम करवाना ना केवल गैरकानूनी है बल्कि असंवैधानिक भी है। 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को भारत के संविधान के द्वारा कुछ मौलिक अधिकार दिए गए हैं। बाल श्रम को प्रतिबंधित किया गया है। आइए सुप्रीम कोर्ट का सबसे महत्वपूर्ण फैसला पढ़ते हैं:-
बाल श्रम मामले में सुप्रीम कोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय
महत्वपूर्ण निर्णय पीपुल्स यूनियन फॉर डेमोक्रेटिक राइट्स बनाम भारत संघ एवं एम. सी. मेहता बनाम तमिलनाडु राज्य मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों से किसी भी प्रकार का श्रम करवाना असंवैधानिक हैं। राज्य का कर्तव्य है कि वह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 39 के अंतर्गत बालकों के संरक्षण के लिए अनेक बाल कल्याणकारी योजनाएं लागू करे। जानते हैं भारतीय संविधान के अनुसार बालकों से श्रम करवाना कब संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन है।
भारतीय संविधान अधिनियम,1950 के अनुच्छेद 24 की परिभाषा
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 24 किसी भी प्रकार के नियोजन, कारखाने, होटल, भवन निर्माण कार्य आदि मे 14 वर्ष से कम आयु के बालको को नियोजित करने के लिए प्रतिबंधित करती है एवं ऐसा करने पर अनुच्छेद 24 का उल्लंघन माना जाएगा एवं इस प्रकार कि कोई भी विधि संवैधानिक विधि नहीं होगी।
✍️ लेखक बीआर अहिरवार(पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665