मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में संचालित सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में फायर सेफ्टी सिस्टम दुरुस्त नहीं है। घटनाएं हो चुकी हैं लेकिन फिर भी सबक नहीं लिया क्या। 193 अस्पताल ऐसे मिले हैं जहां यदि आग लगने की घटना हो जाए तो मरीजों की जान खतरे में रहेगी।
BHOPAL TODAY- किसी हॉस्पिटल के खिलाफ कार्रवाई नहीं, सिर्फ खानापूर्ति
भोपाल नगर निगम की टीम ने फायर ऑडिट किया है। रिपोर्ट सीएमएचओ के पास भेज दी गई है। सीएमएचओ के ऑफिस से अस्पताल संचालकों को नोटिस जारी किए जाएंगे। जब आपके लिए समय दिया जाएगा। जवाब नहीं आएगा तो फिर समय दिया जाएगा। फिर भी जवाब नहीं आएगा तो फिर समय दिया जाएगा। इतने टाइम में आरटीआई कार्यकर्ता भी भूल जाएंगे।
डॉक्टरों की यूनियन, सेफ्टी के मुद्दे पर हड़ताल क्यों नहीं करती
मरीजों की जान खतरे में है और मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान सरकार कई बार दोहरा चुकी है कि हर इंसान की जान जरूरी होती है परंतु समाचार लिखे जाने तक एक भी अस्पताल को सील नहीं किया गया। तनाव की स्थिति में यदि कोई मरीज के परिजन किसी डॉक्टर से ऊंची आवाज में बात कर ले तो हड़ताल हो जाती है लेकिन मरीजों के हित में डॉक्टरों की यूनियन एक ज्ञापन भी नहीं देती।
अस्पतालों में कौन सी गड़बड़ियां मिली
- बेसमेंट में स्प्रिंकलर सिस्टम नहीं।
- मैन्युअल ऑपरेटिड इलेक्ट्रिक फायर अलॉर्म नहीं।
- आग बुझाने के लिए पानी की कमी।
- प्रेशराइज सिस्टम नहीं।
- बिजली मीटर के सामने सुरक्षा दीवार नहीं।
- फायर एक्टिग्यूशर की संख्या कम।
- फायर एग्जिट नहीं।
- इमरजेंसी लाइट भी नहीं।
- हॉस्पिटल में एंट्री का रास्ता काफी छोटा।
- स्मोक डिटेक्टर नहीं।
- बिजली के वायर खुले।
- अग्नि सुरक्षा के इंतजाम और फायर एनओसी नहीं पाई गई।
- फायर पैनल बंद मिला।