भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार चुनावी साल में ज्यादा से ज्यादा सरकारी नौकरियों के द्वार खोलना चाहती है। सहकारिता विभाग, मध्यप्रदेश शासन की ओर से 4500 वैकेंसी निर्धारित की गई है। सभी पद जिला स्तर पर सहकारी बैंकों में भरे जाएंगे। सहकारिता में भर्ती प्रक्रिया पर हमेशा सवाल उठते हैं इसलिए इस बार IBPS की निगरानी में भर्ती परीक्षा का आयोजन किया जाएगा।
सहकारिता विभाग के सूत्रों ने बताया कि चुनावी साल में सरकार दामन पर दाग नहीं चाहती। पिछली बार की भर्ती प्रक्रिया में सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया पर काफी सवाल उठाए गए थे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नहीं जाते कि इस बार वर्दी प्रक्रियाओं के दौरान किसी भी प्रकार के घोटाले का आरोप लगे। इसलिए निर्धारित किया गया है कि सहकारी बैंकों में रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया के दौरान इंटरव्यू नहीं होंगे। इससे पक्षपात की संभावना भी समाप्त हो जाएगी।
बताया गया है कि सीधी भर्ती के लिए 1700 और चयन प्रक्रिया के लिए 2800 पदों का निर्धारण किया गया है। इस बार भर्ती परीक्षा का आयोजन इंस्टिट्यूट ऑफ़ बैंकिंग पर्सनल सिलेक्शन, मुंबई (IBPS) द्वारा किया जाएगा। मेरिट लिस्ट और वेटिंग लिस्ट से लेकर नियुक्ति की पूरी प्रक्रिया IBPS के माध्यम से होगी।