भोपाल। महात्मा गांधी ग्राम सेवा केन्द्र परियोजना (MGGSK) Vle संघर्ष समिति मध्यप्रदेश द्वारा बताया गया कि महात्मा गांधी ग्राम सेवा केन्द्र परियोजना की शुरूआत 2020 में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ सरकार के द्वारा सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में की गई थी। महात्मा गांधी ग्राम सेवा केन्द्र परियोजना प्रोजेक्ट को पायलट प्रोजेक्ट में लेते हुवे प्रथम चरण में मध्यप्रदेश की 5000 ग्राम पंचायतों का चयन किया गया था इस परियोजना को सुचारू रूप प्रदान करने हेतु ग्राम पंचायत स्तर पर मैदानी अमले के रूप में सीएससी vle की नियुक्ति की गई थी।
इसी प्रकार जनपद पंचायत स्तर पर बलॉक समन्वयक (BI), जिला स्तर पर जिला समन्वयक(DI) की नियुक्ति की गई थी। सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का पंचायत स्तर पर प्रचार प्रसार और ग्रामीणों की सुविधा की दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुवे 5000 ग्राम पंचायतों में महात्मा गांधी ग्राम सेवा केन्द्र परियोजना केंद्र स्थापित किए गए थे जिनका संचालन करने की जिम्मेदारी ग्राम स्तरीय उद्यमी vle को दी गई थी।
Vle के द्वारा कोरोनो काल में भी ग्रामीणों के घर घर जाकर आयुष्मान कार्ड बनाना, ई केवाईसी करना, घर पहुंच सेवा करते हुये बैंकिंग सेवाएं प्रदान करना, पंचायत स्तर पर ग्राम पंचायत में आने वाले ग्रामीणों को अपनी सेवाएं प्रदान करना आदि जनकल्याणकारी कार्य किए गए। सरकार द्वारा इस आश्वासन पर vle के द्वारा अपनी सेवाएं प्रदान की गई की उन्हें अपने इस कार्य के एवज में कुछ मानदेय जो सरकार द्वारा निर्धारित किया है उसके अधार पर मिलेगा लेकिन सरकार द्वारा 29 माह से अधिक होने को आया है अभी तक किसी भी प्रकार का मानदेय वेतन vle को नही मिला है और आए दिन शासन प्रशासन के द्वारा हितग्राहियों के निशुल्क आयुष्मान कार्ड बनाने संबंधी आदेश vle के नाम से निकाले जाते है और ड्यूटी लगाई जाती हैं।
vle के द्वारा शासन प्रशासन के समस्त आदेशों का पालन पूर्ण ईमानदारी के साथ किया जाता है लेकिन दुर्भाग्यवश सरकार के द्वारा vle को अनदेखा किया जा रहा है। महात्मा गांधी ग्राम सेवा केन्द्र के माध्यम से लोकसेवा की सेवाएं ग्रामीणों को ग्राम पंचायत स्तर पर आसानी से मुहैया हो जाती थी लेकिन सरकार की दोहरी नीति के कारण आज ग्रामीणों को मुख्यालय के चक्कर काटने को मजबूर कर दिया है और इस परियोजना को बजट नही है, का हवाला देकर स्थगित कर दिया है।
जिससे सरकार की स्पष्ट मंशा हम लोगो को दिखाई देती है दूसरो कार्यों के सरकार के पास करोड़ों रुपयों का बजट है और हमारी मेहनत का पैसा देने के लिए बजट नही !
हम सभी मिलकर अपील करना चाहते है की हम सभी संगठित रहकर हमारे मानदेय सम्बंधित,परियोजना को पुनः प्रारंभ करने की लड़ाई को तब तक जारी रखेंगे जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं हो जाती।
आंदोलन का प्रथम चरण
25 नवम्बर को राज्यव्यापी विरोध दिवस, मध्यप्रदेश के प्रत्येक जिलें में विरोध प्रदर्शन,रैली, धरने-ज्ञापन मुख्यमंत्री के नाम सौपे जाएंगे।
दूसरा चरण- राज्य की राजधानी या संभाग स्तरीय कन्वेंशन जिसमें प्रदेश के बुद्धिजीवी वर्ग, न्यायविदों, सामाजिक कार्यकर्ता आदि को शामिल करते हुए।
तीसरा चरण- भोपाल में घेरा डालो-डेरा आंदोलन।
हमारी मांगे -
1.MGGSK प्रोजेक्ट में कार्यरत सभी BI,DI और VLE का पिछला बकाया सारा वेतन व मानदेय का भुगतान अविलम्ब किया जावें।
2. सभी vle को जीवन जीने लायक उचित वेतनमान लागू किया जावें।
3. मध्यप्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में vle की स्थाई नियुक्ति की जावें।
4. प्रत्येक ग्राम पंचायत में कम्प्यूटर संसाधन व अन्य जरूरी सामग्री vle के लिए उपलब्ध कराया जावें।
5. पुनः महात्मा गांधी ग्राम सेवा केंद परियिजना को प्रारंभ किया जाये।
6 शासन द्वारा जनकल्याणकारी योजना का प्रचार प्रसार पंजीयन vle के माध्यम से निशुल्क करवाना बंद करे।
7 आयुष्मान का सरकारी ड्यूटी आदेश निकालकर डराना बंद करे।