भोपाल। सन 2018 में कोई माई का लाल के कारण तनाव की स्थिति बनी। मामला सुप्रीम कोर्ट में गया और 500000 सरकारी कर्मचारियों को प्रमोशन नहीं मिला। कर्मचारियों ने दबाव बनाया तो सरकार ने बीच का रास्ता निकाला परंतु 6000 अधिकारियों ने इसका फायदा उठाया और फाइल फिर से पेंडिंग हो गई।
मध्यप्रदेश में पिछले 2 सालों से शासकीय कर्मचारियों को प्रमोशन देने के लिए शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल के प्रयास चल रहे हैं। नए नियम विधि विभाग से मंजूर होने के बाद परीक्षण के लिए वरिष्ठ सचिवों की समिति के पास भेजे गए हैं। यानी 48 विभागों के 4.46 लाख कर्मचारियों के लिए अभी मामला पेंडिंग है लेकिन 4 विभागों के 6000 अधिकारियों को प्रमोशन पर नाम दे दिया गया है।
इन चार कैडर में 6000 अधिकारियों को प्रमोशन
सरकारी कागजों में शब्दों की उधेड़बुन कुछ इस तरीके से की गई है कि सिर्फ जीएडी में डिप्टी कलेक्टर, गृह में डीएसपी, वित्त सेवा के अफसरों और उच्च शिक्षा में प्राध्यापकों को ही फायदा होगा। जिन कर्मचारियों ने प्रदर्शन किए, सड़कों पर उतरे, सरकार पर दबाव बनाया और जिनके कारण सरकार बीच का रास्ता निकालने के लिए प्रेरित हुई। उन तृतीय श्रेणी कर्मचारियों को अपनी अंगीठी पर अपनी रोटी पकाने के लिए इंतजार करना होगा।
1- सामान्य प्रशासन विभाग (डिप्टी कलेक्टर) - स्वीकृत पद 700
राज्य प्रशासनिक सेवा में भर्ती नियमों के हिसाब से कनिष्ठ श्रेणी वेतनमान में 6 साल की सेवा होने पर क्रमोन्नति वेतनमान में 189 अफसरों को प्रमोशन मिल जाता है। इसके 4 साल बाद 112 अफसरों, आगे 6 साल बाद प्रवर श्रेणी वेतनमान में 35 अफसरों और आगामी 6 साल में सुपर टाइम स्केल मिलने पर 14 अफसरों को पदोन्नति मिल रही है।
2- मप्र राज्य वित्त सेवा स्वीकृत पद 690, 28 साल में 5 पदोन्नतियां
वित्त सेवा में सहायक संचालक के पद पर 6 वर्ष की सेवा पूरी होने पर 358 अफसरों को उप संचालक के पद पर पदोन्नति मिल रही है। उप संचालक के पद पर 4 वर्ष की सेवा होने पर 183 अफसरों को संयुक्त संचालक व संयुक्त संचालक के पद पर 6 साल की सेवा होने पर 101 अफसरों को अपर संचालक के पद पर प्रमोशन मिल रहा है। 6 साल बाद 14 अफसरों को संचालक के पद पर पदोन्नति मिल रही है।
3- गृह विभाग डीएसपी 22 साल की नौकरी में 4 प्रमोशन - 1007 पद
राज्य पुलिस सेवा में डीएसपी से भर्ती होने वाले अफसरों को 6 साल की सेवा पूरी होने पर स्वीकृत पदों में से 27 प्रतिशत पर, सीनियर स्केल में 4 वर्ष पूरे होने पर 16 प्रतिशत पदों पर प्रमोशन मिल रहा है। इसी तरह प्रवर श्रेणी वेतनमान में 6 वर्ष होने पर 5 प्रतिसत अफसरों और आगामी 6 साल की सेवा पूरी होने पर स्वीकृत पदों में से 2 प्रतिशत पर अफसरों को सुपर टाइम स्केल दिया जा रहा है।
4- उच्च शिक्षा विभाग, 17 साल में पांच पदोन्नति
भर्ती नियमों के हिसाब से करियर एडवांस के अनुसार असिस्टेंट प्रोफेसर को 5 साल की सेवा होने पर सीनियर स्केल दिया जाता है। इसके बाद अगले दो रचनाक्रम वेतनमानों में पदनाम के हिसाब से एसोसिएट प्रोफेसर और आगामी 3 साल बाद प्रोफेसर के पद पदोन्नति मिल रही है।