यह एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब हर किसी के पास होता है। फिर चाहे वह सही हो या गलत लेकिन अपन सही जवाब की तलाश कर रहे हैं इसलिए चलिए किसी एक्सपर्ट से पूछते हैं:-
विक्रम विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन के बाद इंदौर में पुश्वम इंटरप्राइजेज के नाम से रेडीमेड कपड़ों का बिजनेस कर रहे Udayan Agrawal बताते हैं कि रेडीमेड के मामले में लोकल और ब्रांडेड के बीच बहुत बड़ा अंतर होता है। सबसे खास बात यह होती है कि ब्रांडेड कपड़े बनाते समय उसकी कीमत को कम से कम रखने का दबाव नहीं होता बल्कि अच्छी क्वालिटी का प्रेशर जरूर होता है। इसलिए ब्रांडेड कपड़ों में डिजाइन से लेकर सिलाई के टांके तक हर चीज का ध्यान रखा जाता है।
लोकल रेडीमेड कपड़ों का बाजार बहुत बड़ा है और कंपटीशन बहुत कम है। प्राइस के अलावा लोकल रेडीमेड कपड़ों के बाजार में कोई चैलेंज नहीं है जबकि ब्रांडेड कपड़ों में कंपटीशन बहुत ज्यादा है। यदि सिलाई के तीन टांके भी गलत लगे हैं तो पूरा प्रोडक्ट रिजेक्ट हो जाता है। लोकल कपड़ों की तरह (इतना तो चलता है) नहीं कह सकते।
ब्रांडेड रेडीमेड कपड़ों में कपड़े की क्वालिटी तो अच्छी होती है। इसके अलावा दूसरे सभी प्रकार के मैटेरियल भी बेस्ट क्वालिटी के होते हैं। उदाहरण- महिलाओं के परिधानों में उपयोग होने वाला गोटा, चीन में निर्मित प्लास्टिक का होता है जो 2 से 3 रु मीटर में मिल जाता है वहीं ओरिजनल गोटा जो तांबें के तारों से बनता है 4000 से 5000 रु किलो मिलता है।
हर व्यक्ति के शरीर का नाप अलग होता है और ऐसा कोई साइज बनाना असंभव है जो सब के शरीर पर फिट बैठता हो। इसलिए बड़े ब्रांड वाली कंपनियां अपने कपड़ों में कई कई तरह के फिट बनाते हैं, और आपको ट्रायल की सुविधा देते हैं की जो फिट आपको सही आए आप उसका चुनाव करें, वहीं लोकल कपड़े निर्माता सिर्फ एक ही फिट का कपड़ा बनाते है और रिटेलर (इतना तो चलता है) कह कर बेच देते हैं।
इसके बाद नंबर आता है सिलाई का। शायद ही कोई ग्राहक इस पर ध्यान देता है। अच्छे ब्रांड में 1 इंच में 12–13 सिलाई के टांके होंगे जबकि लोकल निर्माता 6–8 टांकों में सिलाई करवा देते है। इसलिए ब्रांडेड कपड़ों की सिलाई भी काफी महंगी पड़ती है लेकिन कपड़ा मजबूत होता है और उसकी फिटिंग अच्छी होती है।
सबसे खास बात यह है कि एक बार पहन कर देखिए। यदि आप ट्रायल करने के बाद अपने लिए परफेक्ट फिट कपड़ा लेकर आए हैं तो आपका कॉन्फिडेंस लेवल 200% बढ़ जाता है। लोकल कपड़े के बाद आप कंफ्यूज रहते हैं और लोगों से पूछते हैं, या कपड़ा मेरे ऊपर कैसा लग रहा है जबकि ब्रांडेड कपड़े पहनने के बाद यह सवाल आप किसी से करते ही नहीं क्योंकि आपको अंदर से फील होता है कि आप बहुत अच्छे लग रहे हैं।
लोकल और ब्रांडेड रेडीमेड कपड़ों में सबसे बड़ा अंतर क्या होता है
लोकल रेडीमेड कपड़ों में प्राइस और डिस्काउंट को हाइलाइट किया जाता है जबकि ब्रांडेड रेडीमेड कपड़ों में कपड़े की क्वालिटी को हाइलाइट किया जाता है। लोकल वाला आकर्षित करता है और ब्रांडेड स्वागत करता है। ब्रांडेड कपड़ों के विक्रेता हमेशा आपको अपना फैसला लेने के लिए स्वतंत्र छोड़ते हैं। आपके सवालों का विनम्रता पूर्वक जवाब देते हैं परंतु आपके ऊपर कौन सा कपड़ा अच्छा लगेगा और आप को क्या खरीदना चाहिए। बाजार में इन दिनों क्या ट्रेंड चल रहा है। ऐसा कुछ भी नहीं बताते।