भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बच्चे सीजनल फ्लू का शिकार हो रहे हैं। बड़ी संख्या में बीमार बच्चे अस्पतालों में आ रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में ओपीडी 30% बढ़ गई है। इन बच्चों को बुखार, उल्टी, दस्त, फीवर, सिरदर्द और पेट दर्द की शिकायत है। निमोनिया जैसे लक्षण भी दिखाई दे रहे हैं, लेकिन निमोनिया नहीं है।
भोपाल के बच्चों में सीजनल फ्लू का कारण
अब तक संतोषजनक बात यह है कि सभी बच्चे स्वस्थ होते जा रहे हैं और किसी भी प्रकार का कोई अप्रिय समाचार नहीं है परंतु इस खबर के कारण लापरवाह नहीं हो सकते। इसलिए सीजनल बुखार का कारण और बचाव के तरीके जानना बहुत जरूरी है। डॉक्टरों के मुताबिक अचानक ठंड बढ़ने के कारण बच्चे बीमार हो रहे हैं। जितने भी केस आए हैं, उनमें ज्यादातर ऐसे थे जिन्होंने ठंड से बचने की तैयारी नहीं की थी। ऐसे में अचानक आई सर्दी ने चपेट में ले लिया। इसके कारण केवल बच्चे ही नहीं बल्कि बुजुर्ग और बीमार लोग भी शिकार हुए हैं परंतु बच्चों की संख्या ज्यादा है।
सीजनल फ्लू से कैसे बचें
पीडियाट्रिक एक्सपर्ट डॉ. पीयूष पंचरत्न का कहना है कि किसी भी प्रकार के वायरस से बचने का सिर्फ एक ही तरीका है, फेस मास्क। दरअसल, एक बच्चा सीजनल फ्लू का शिकार होता है। वह स्कूल जाता है और उसके साथ खेलने वाले सारे बच्चों में सीजनल फ्लू वायरल हो जाता है। यदि बच्चे फेस मास्क पहनेंगे तो सीजनल फ्लू वायरल नहीं हो पाएगा। वैसे चिंता की कोई बात नहीं है, फिलहाल तो भर्ती कराने की भी जरूरत नहीं पड़ रही है। OPD, दो-तीन दिन के बाद बच्चा सामान्य हो जाता है।