जबलपुर। मुख्यमंत्री दावा करते हैं कि सीएम राइज स्कूल, उत्कृष्ट विद्यालय एवं मॉडल स्कूल मध्य प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था का प्रतीक है परंतु संस्कारधानी जबलपुर में पेड़ के नीचे मॉडल स्कूल संचालित हो रहा है और सीएम राइज स्कूल के प्राचार्य को एक क्लर्क का प्रभार दे दिया गया है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं मध्य प्रदेश शासन की ओर से स्थाई आदेश जारी किए गए हैं कि सीएम राइज स्कूल, उत्कृष्ट विद्यालय एवं मॉडल स्कूल में विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को किसी भी प्रकार से डिस्टर्ब ना किया जाए। इन स्कूलों में किसी भी प्रकार की सरकारी और गैर सरकारी गतिविधियों का संचालन नहीं होगा। सिर्फ पढ़ाई होगी। इन स्कूलों के शिक्षकों की ड्यूटी किसी भी दूसरे सरकारी काम में नहीं लगाई जाएगी।
उपरोक्त स्थाई आदेश के बावजूद बरेला के मॉडल स्कूल को इंस्पायर अवार्ड के स्टूडेंट्स का हॉस्टल बना दिया गया है। नतीजा मॉडल स्कूल के स्टूडेंट्स पेड़ के नीचे पढ़ाई कर रहे हैं। उधर सीएम राइज स्कूल बरेला के प्राचार्य डीके गुप्ता को इन्सपायर अवार्ड योजना का नोडल अधिकारी बना दिया गया है। इसलिए वह स्कूल के काम पर ध्यान ही नहीं दे रहे हैं।
मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने इस पर आपत्ति जताते हुए मांग की है कि मॉडल स्कूल का हॉस्टल बनाने वाले और सीएम राइज स्कूल के प्राचार्य को नोडल अधिकारी बनाने वाले के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।