इंदौर। विश्वविद्यालय प्रशासन ने पीएचडी की रिक्त सीटों के लिए डाक्टरल एंट्रेंस टेस्ट (डीईटी) का दूसरा चरण करवाने का फैसला लिया है। 300 सीटों को लेकर जनवरी में प्रवेश परीक्षा करवाई जा सकती है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने विभागों से पीएचडी से जुड़ा डाटा मांगा है।
2014 में यूजीसी ने पीएचडी प्रवेश परीक्षा सालभर में दो मर्तबा करवाने के निर्देश दिए थे, लेकिन एक बार भी विश्वविद्यालय नहीं करवाया सका। यहां तक कि 2018 से अब तक महज दो मर्तबा परीक्षा करवाई है। दिसंबर 2019 के बाद कोरोना के चलते अप्रैल 2022 में 44 संकाय में पीएचडी में प्रवेश के लिए डीईटी करवाई गई।
1130 सीटों के लिए 6679 उम्मीदवारों ने आवेदन किया। महीनेभर के भीतर रिजल्ट जारी किया गया। 890 उम्मीदवारों का आरएसी के लिए चयन किया। अक्टूबर-नवंबर तक 32 विषय में आरएसी करवाई गई। सूची के बाद कोर्स वर्क के लिए चयनित उम्मीदवारों की कक्षाएं लगाई जाएगी।