Fundamental Rights- अनुच्छेद-32 के अंतर्गत सुप्रीम कोर्ट में याचिका कौन लगा सकता है जानिए

Bhopal Samachar
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 32 नागरिकों के मौलिक अधिकार के उल्लंघन होने पर उनके अधिकारों का संरक्षण करता है अर्थात व्यक्ति अनुच्छेद 32 के अंतर्गत डायरेक्ट सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगा सकता है। ऐसे में सवाल यह है कि वे कौन व्यक्ति होंगे जो मौलिक अधिकारों के उल्लंघन पर याचिका लगा सकते हैं एवं किस प्रकार लगा सकते हैं जानिए।

भारतीय संविधान अधिनियम, 1950 के अनुच्छेद 32(1) की परिभाषा

प्रत्येक नागरिक को अपने मूल अधिकारों को आरंभ करने, लागू करने एवं संरक्षण आदि कराने के लिए अनुच्छेद 32 के अंतर्गत उच्चतम न्यायालय की शरण लेने का अधिकार प्राप्त है।

संरक्षण के लिए आवेदन कौन कर सकता है जानिए

अनुच्छेद 32 के अंतर्गत संरक्षण के लिए आवेदन देने का एवं अनुतोष (राहत) प्राप्त करने का अधिकार उसी व्यक्ति को है जिसके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हुआ है।

किसी निर्धन, गरीब, अनपढ़ व्यक्ति के लिए कोई संस्था,या NGO भी अनुच्छेद 32 के अंतर्गत आवेदन कर सकता है जानिए:-

उच्चतम न्यायालय में लोक हित वाद एवं सार्वजनिक हितों के मौलिक अधिकार के उल्लंघन के लिए कोई भी रजिस्टर्ड, अनरजिस्टर्ड संस्था भी याचिका लगा सकते हैं जानिए महत्त्वपूर्ण जजमेंट।

1. डी. एस.नकारा बनाम भारत संघ एवं एक अन्य मामला (अखिल भारतीय रेलवे शोषित कर्मचारी संघ बनाम भारत संघ :- मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा यह अभिनिर्धारित किया कि कोई भी रजिस्ट्रीकृत संस्था, गैर रजिस्ट्रीकृत संस्था, गैर राजनीतिक स्वैच्छिक संघ, अपंजीकृत संगठन आदि किसी निर्धन, गरीब, अनपढ़, लोक हितवाद या सार्वजनिक हितों के संरक्षण के लिए अनुच्छेद 32 के अंतर्गत आवेदन कर सकते हैं।

क्या एक सादा कागज पर लिखे गए पत्र को सुप्रीम कोर्ट अनुच्छेद 32 की याचिका मान सकता है

उच्चतम न्यायालय द्वारा बहुत से जजमेंट में बताया गया है कि व्यक्ति अगर एक साधारण पत्र में माध्यम से अपने मौलिक अधिकार के उल्लंघन होने पर आवेदन करता है तब  उसे अनुच्छेद 32 के अंतर्गत स्वीकार करना न्यायालय का कर्तव्य है। बशर्ते आवेदन पर में न्यायालय का नाम होना चाहिए न कि न्यायमूर्ति, न्यायाधीश का।

उक्त संदर्भ में महत्त्वपूर्ण जजमेंट निम्न है:-
1. एस. सी. मेहता ओर अन्य बनाम भारत संघ एवं अन्य।
2. एस. पी.गुप्ता बनाम भारत संघ।
3. सुनील बन्ना बनाम दिल्ली एडमिनिस्ट्रेशन।
4. पीपुल्स यूनियन फोर डेमोक्रेटिक राइट्स बनाम भारत संघ।
उक्त मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कोई भी व्यक्ति का मात्र पत्र भी अनुच्छेद 32 के अंतर्गत आवेदन होगा।
Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665

इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

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