भारतीय संविधान के अनुच्छेद 29 में बताया था कि कोई भी बहुसंख्यक भाषी, लिपि एवं संस्कृति बोलने वाले लोग चाहे वह किसी भी वर्ग, जाति, समाज में अलग-अलग निवास करते हैं अपनी भाषा, लिखावट एवं संस्कृति की रक्षा का मौलिक अधिकार प्राप्त है। इसी प्रकार बहुत से अल्प-धर्मो, एवं अल्प-भाषाओं को बोलने वाले बहुत से अल्पसंख्यक व्यक्ति भारत में निवास करते हैं उनको अपने धर्म एवं भाषा की रक्षा के लिए भारतीय संविधान में मौलिक अधिकार प्राप्त है जानिए।
भारतीय संविधान अधिनियम,1950 का अनुच्छेद 30 की परिभाषा
अनुच्छेद 30 भारत के सभी अल्पसंख्यक वर्गों को अपनी रुचि के अनुसार शिक्षा स्थापना एवं शिक्षा प्रबंध का अधिकार प्रदान करता है एवं अधिकार उन्हीं अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को प्राप्त है जो धर्म एवं भाषा पर आधारित हैं।
नोट:- 1992 के राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम की धारा 2(C) के अनुसार 23 अक्टूबर, 1993 को सरकार द्वारा जारी अधिसूचना में पाँच समुदायों मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई, पारसी तथा बौद्ध को अल्पसंख्यक समुदाय के रूप में मान्यता दी गई। 2014 में जैन समुदाय को भी अल्पसंख्यक की श्रेणी में शामिल किया गया। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665
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