Fundamental Rights- नागरिकों के मौलिक अधिकारों को कब निलंबित किया जा सकता है, पढ़िए

भारत में जब देश के किसी भाग की सुरक्षा को युद्ध अथवा बाह्या आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह का खतरा उत्पन्न हो जाता है तब भारतीय संविधान के अनुच्छेद 352 के अंतर्गत राष्ट्रपति, राष्ट्रीय आपात की घोषणा करता है। जब देश में राष्ट्रीय आपात की घोषणा हो जाती है तब भारतीय संविधान के अनुच्छेद 358 एवं अनुच्छेद 359 के अंतर्गत नागरिकों के मौलिक अधिकारों को कुछ समय के लिए निम्न प्रकार से निलंबित किया जाता है जानिए।

किन परिस्थितियों में मौलिक अधिकारों को निलंबित कर सकते हैं

1. राष्ट्रीय आपात के समय अनुच्छेद 358 के अंतर्गत अनुच्छेद 19 द्वारा प्रदत्त छः प्रकार के मौलिक अधिकार स्वतः ही निलंबित हो जाते हैं। इनके लिए किसी आदेश की आवश्यकता नहीं होती है।
2. राष्ट्रीय आपात के समय अनुच्छेद 359 के अंतर्गत सिर्फ मौलिक अधिकार अनुच्छेद 20 एवं अनुच्छेद 21 को छोड़कर सभी मौलिक अधिकारों का निलंबन राष्ट्रपति के आदेश द्वारा होगा।
अर्थात सिर्फ दोनों परिस्थितियों में मौलिक अधिकारों का निलंबन किया जा सकता है।

अनुच्छेद 32 कब मौलिक अधिकारों के निलंबन का संरक्षण करता है जानिए

उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय को मौलिक अधिकारों के निलंबन के संरक्षण करने का अधिकार है लेकिन अनुच्छेद 358 एवं अनुच्छेद 359 की परिस्थितियों को छोड़कर। उच्चतम न्यायालय भारतीय संविधान अधिनियम,1950 के अनुच्छेद 32(4) के अंतर्गत मौलिक अधिकारों को निलंबित नहीं होने देगा एवं उनको प्रवर्तन रहने देगा। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665

इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

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