किसी भी धार्मिक संस्थाओं का उद्देश्य अपने धर्म का प्रचार प्रसार करना होता है एवं भारतीय संविधान में प्रत्येक व्यक्ति एवं समुदाय को अपने-अपने धर्मो को मानने का अधिकार दिया हैं। कोई भी व्यक्ति अपने अनुसार किसी भी धार्मिक संस्था की स्थापना कर सकता है एवं संस्था या संगठन के लिए पोषण (भत्ता) आदि की भी मांग कर सकता है जानिए।
भारतीय संविधान अधिनियम,1950 के अनुच्छेद 26(क) की परिभाषा
प्रत्येक धार्मिक सम्प्रदाय (संगठन) के लोगों को धार्मिक एवं प्रयोजनों के लिए संस्थाओं, संगठनों आदि की स्थापना और पोषण प्राप्त करने का अधिकार प्राप्त है।
आर्थत जो व्यक्ति का समूह सम्प्रदाय की स्थापना करता है वहीं पोषण (भरण पोषण, भत्ता आदि) का अधिकार रखता है। जिस समुदाय ने किसी संस्था की स्थापना ही नहीं की हो तो उन्हें पोषण का दावा करने का कोई अधिकार प्राप्त नहीं है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665
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