ग्वालियर। मध्यप्रदेश के भिंड जिले में मेडिकल ऑफिसर पारुल वर्मा के परिवार में बीती रात खूनी संघर्ष हो गया। इसमें पारुल वर्मा, उनके भाई बहन और बेटा सहित कुल 6 लोग घायल हुए हैं। पारुल और मां का परिवार ग्वालियर में विण्डसर हिल में रहता है। उनके पिता रायरू रेलवे स्टेशन पर स्टेशन मास्टर है।
ग्वालियर के सिरोल पुलिस थाने में रायपुर रेलवे स्टेशन के स्टेशन मास्टर रविंद्र कुमार वर्मा ने शिकायत दर्ज कराते हुए बताया कि वह मूल रूप से उरई उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। उनके परिवार में दो बेटी पारूल, निकिता व बेटा रोहित है। बड़ी बेटी पारूल भिंड में मेडिकल ऑफिसर हैं। बीती रात करीब साढ़े बारह बजे उनके घर पर रविन्द्र का भतीजा सोनू उर्फ सुमित वर्मा अपने दोस्त निखिल गुप्ता के साथ आया था और रात में रविन्द्र ने सोनू और निखिल को बैठक में सुलाया था। अक्सर सोनू उनके घर पर आता-जाता था।
रात करीब दो बजे जब रोहित की नींद खुली तो सोनू व निखिल बैठक में बैठे हुए थे। इसके बाद वह अपने कमरे में सो गया। सुबह करीब चार बजे जब उसकी आहट पर नींद खुली तो उसने देखा कि निखिल व सोनू उनके बिस्तरों पर खड़े थे और उनके हाथ में चाकू थे। चाकू देखते ही उसने उठने की कोशिश की तो आरोपियों ने उस पर तथा बड़ी बहन पारूल पर चाकुओं से हमला बोल दिया। आवाज सुनकर पास ही बिस्तर पर सो रही निकिता ने उन्हें बचाने की कोशिश की तो हमलावरों ने उसे चाकू मारकर धक्का दे दिया। जिससे वह गिरकर बेहोश हो गई।
स्टेशन मास्टर पर भी किया हमला
चाकुओं के वार से घायल पारुल व रोहित ने शोर मचाया तो दूसरे कमरे में सो रहे उनके पिता रविन्द्र कुमार कमरे में आए तो निखिल व सोनू घायल रोहित तथा पारूल का गला घोंट रहे थे। बच्चो को घायल देखकर रविन्द्र ने उन्हें छुड़ाने का प्रयास किया, लेकिन वह उन्हें नहीं छोड़ रहे थे तो वह किचन में पहुंचे और वहां से बेलन लेकर आए और उन पर हमला बोला, लेकिन वह तब भी टस से मस नहीं हुए तो पास ही हमलावरों का चाकू उनके हाथ आ गया और बच्चों को बचाने के लिए उनके पैरों पर हमला बोल दिया। इसी बीच शोर सुनकर आस-पास के पड़ोसी व गार्ड भी वहां पर आ गए और पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को उपचार के लिए भर्ती कराया है।
यह सुनाई कहानी
रेलवे स्टेशन मास्टर ने बताया कि सोनू उनके भाई का बेटा है और नोएडा में रहता है। अक्सर वह उनकी मदद करते रहते है। दो दिन पहले भी सोनू ने उनसे बीस हजार रुपए मांगे थे, लेकिन पैसे थे नहीं क्योंकि इससे एक दिन पहले ही सोनू के पिता को उन्होंने बीस हजार रुपए भेजे थे। संभवत: इससे वह नाराज था और बदला लेने के लिए घटना को अंजाम दिया है। आरोपी सोनू ने बताया कि एक माह पहले वह अपनी पत्नी को डिलीवरी कराने के लिए लाया था और इस दौरान रोहित ने उसे परेशान किया था, इससे वह नाराज था और हमला किया है।
पूरे परिवार को मार डालते
स्टेशन मास्टर का कहना है कि आरोपियों के मंसूबे काफी खतरनाक थे, क्योंकि उसे मालूम था कि अमूमन वे रात 12 से 1 के बीच सोते है और सुबह थोड़ा लेट जागते है। सुबह चार बजे के समय पूरा परिवार गहरी नींद में रहता है। अगर रोहित की नींद नहीं खुलती तो वह पूरे परिवार को सोते में मार डालता।
भतीजा पैसे नहीं मिलने पर था नाराज
सिरोल थाना प्रभारी गजेन्द्र धाकड़ ने बताया कि भतीजे ने दोस्त के साथ चाचा के परिवार पर हमला किया था। जिसमें आरोपी व पीड़ित परिवार घायल हुआ है। घायलों को उपचार के लिए भेजकर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।