ग्वालियर। तिलमिलाए तोमर, इस्तीफे का बहाना ढूंढ रहे हैं। पिछले दिनों हुई अतिक्रमण की कार्रवाई के बाद जनता का तीखा विरोध सामने आया तो कहने लगे कि यदि पब्लिक कहेगी तो मैं इस्तीफा दे दूंगा। जबकि भोपाल के सूत्रों का कहना है कि इनकी कुर्सी बचाने में महाराज साहब को भी तिकड़म लगानी पड़ेगी। साहेब नाराज हैं, क्या पता अगला टिकट भी मिलेगा कि नहीं।
मामला प्रद्युम्न सिंह तोमर का है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस पार्टी से भारतीय जनता पार्टी में शामिल तो हो गए परंतु भाजपा के संस्कार आत्मसात नहीं किए। काम करने का तरीका कांग्रेसी ही रहा। नतीजा, कई ऐसी बातें हो गई जो पहले संगठन को फिर संघ को और अंत में साहेब को भी पसंद नहीं आई। शिकवे शिकायतों का दौर भोपाल से दिल्ली तक चला, उन पर दबाव बनाने के कुछ उपाय भी किए गए, लेकिन तोमर साहब कहां किसी की मानने वाले थे।
बात समझाने के लिए विभाग के मुख्य अधिकारी को डायरेक्ट सीएमओ से कनेक्ट कर दिया गया। मंत्री जी की बातों को इग्नोर करने के लिए कहा गया। तोमर साहब ने बात समझने के बजाय चप्पल उतार दी और दबाव बनाने लगे। अपने आप को जनता का बड़ा भक्त बताते हैं परंतु दिल्ली में जो एक शिकायत गई है, उसमें बताया गया है कि जनता का कितना नुकसान कर रहे हैं।
आज की तारीख में स्थिति यह बन गई है कि कहीं भी कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है। मंत्रिमंडल विस्तार में कुर्सी जा सकती है और 2023 में विधानसभा के टिकट का भी कोई भरोसा नहीं है।
इस सबके बीच नगर निगम ने उनके इलाके में अतिक्रमण विरोधी अभियान लॉन्च कर दिया। कई प्रभावशाली लोगों की दुकान और मकान तोड़ दिए गए। जब प्रद्युम्न सिंह तोमर उनसे मिलने गए तो उनको जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा। बाद में पत्रकारों से बात करते हुए कहने लगे कि यदि जनता कहेगी तो वह इस्तीफा दे देंगे।
मुझे जूते मारो मुझे लाठी मारो, MP के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर| pic.twitter.com/5doWWKbckb
— Priya singh (@priyarajputlive) November 14, 2022