ग्वालियर। थाने के टीआई मनीष धाकड़ और सिपाही कमलेश चौरसिया कोर्ट की कार्रवाई की जद में आ गए हैं। मामला एक गिरफ्तारी वारंट का है। टीआई ने व्हाट्सएप पर वारंट भेज दिया। वारंटी कोर्ट में उपस्थित नहीं हुआ। जब कोर्ट ने टीआई से सवाल किया तो उन्होंने जवाब दिया कि व्हाट्सएप पर वारंट भेज कर उन्होंने अपने कर्तव्य का पालन किया है। इस बात पर कोर्ट भड़क गया।
यह मामला हाईकोर्ट में पहुंच गया है। हत्या के एक मामले में जेल में बंद आरोपी दीपू गौरव ने जमानत याचिका प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि जांच की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और मुकदमे के ट्रायल में बहुत ज्यादा समय लगेगा। इसलिए जमानत दे दी जाए। जब हाईकोर्ट ने जानकारी मांगी कि मामले की सुनवाई आगे क्यों नहीं बढ़ रही है, तब पता चला कि एक गवाह, गवाही देने के लिए नहीं आ रहा है।
ट्रायल कोर्ट से उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था लेकिन पुलिस ने उसे गिरफ्तार करके कोर्ट में प्रस्तुत नहीं किया। ट्रायल कोर्ट में इंस्पेक्टर मनीष धाकड़ से जवाब मांगा परंतु पुलिस अधिकारी ने जवाब भी नहीं दिया। हाई कोर्ट ने इस मामले में एसएसपी को तलब कर लिया। स्पष्ट हुआ कि सीआरपीसी की धारा 71 के तहत व्हाट्सएप मैसेज कीजिए गिरफ्तारी वारंट का कोई प्रावधान नहीं है। इंस्पेक्टर साहब और सिपाही कार्रवाई की जद में आ गए हैं।