ग्वालियर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ग्वालियर बेंच ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी श्री अक्षय कुमार सिंह को फटकार लगाते हुए उनके खिलाफ नेगेटिव कमेंट किया है। हाईकोर्ट ने कहा कि आप कलेक्टर हैं, राजा नहीं है। इसी के साथ श्री अक्षय कुमार सिंह ने वह आदेश वापस लेने का वचन दिया जिसके कारण उच्च न्यायालय में याचिका प्रस्तुत की गई थी।
शिवपुरी कलेक्टर वाला मामला क्या है संक्षिप्त में पढ़िए
आदिम जाति कल्याण विभाग के कर्मचारी राजकुमार सिंह द्वारा मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ में याचिका प्रस्तुत करते हुए बताया था कि आदिम जाति कल्याण विभाग में जिला संयोजक श्री आरएस परिहार का ट्रांसफर हो जाने के बाद शिवपुरी कलेक्टर श्री अक्षय कुमार सिंह ने एक जूनियर कर्मचारी महावीर प्रसाद जैन को जिला संयोजक पद का प्रभार सौंप दिया जबकि वह (राजकुमार सिंह) सबसे सीनियर हैं और नियमानुसार उन्हें प्रभार मिलना चाहिए।
ग्वालियर हाईकोर्ट ने शिवपुरी कलेक्टर को क्यों डांटा
याचिका को स्वीकार करने के बाद हाईकोर्ट ने जवाब प्रस्तुत करने के लिए शिवपुरी कलेक्टर श्री अक्षय कुमार सिंह को तलब किया। जस्टिस जीएस अहलूवालिया ने मामले की सुनवाई की। शिवपुरी कलेक्टर ने महावीर प्रसाद जैन को जिला संयोजक पद का प्रभार देने के निर्णय को सही बताया लेकिन जब जस्टिस अहलूवालिया ने रिक्त पद पर किसी कर्मचारी को प्रभार देने के नियम के बारे में पूछा तो शिवपुरी कलेक्टर अपने फैसले के समर्थन में नियमों का उल्लेख नहीं कर पाए। इस पर जस्टिस अहलूवालिया ने कोर्ट में ही उन्हें फटकार लगा दी।
अक्षय कुमार सिंह कलेक्टर शिवपुरी ने गलती मानी, आदेश वापस लिया
जस्टिस अहलूवालिया ने कहा - आप जिले के कलेक्टर हो, राजा नहीं। लेकिन, आपने राजा की तरह कार्य किया। जस्टिस की सख्त टिप्पणी के बाद कलेक्टर सिंह ने प्रभार देने में गलती होने की बात स्वीकार कर ली। साथ ही कोर्ट को बताया कि 23 नवंबर (बुधवार) को जिला संयोजक का प्रभार दिए जाने का आदेश वापस लेने की बात कही। इस पर हाईकोर्ट ने याचिका को निराकृत कर दिया।