हायर एजुकेशन के लिए एजुकेशन लोन की सलाह सभी देते हैं। खासकर तब जब आप किसी विदेशी विश्वविद्यालय में अध्ययन करने के लिए भारत के बाहर जा रहे हैं। एजुकेशन लोन हर प्रकार से अच्छा होता है। सबसे बड़ी बात यह होती है कि स्टूडेंट में रिस्पांसिबिलिटी डिवेलप हो जाती है और वह धन का महत्व समझने लगता है। आजकल कुछ कंपनियां एजुकेशन लोन का इंश्योरेंस कराने की सलाह देती है। आइए समझते हैं कि इस प्रकार का इंश्योरेंस फायदेमंद है या नहीं।
एजुकेशन लोन का इंश्योरेंस क्या होता है
आजकल लगभग सभी प्रकार के लोन का इंश्योरेंस होने लगा है। एजुकेशन लोन मूल रूप से स्टूडेंट द्वारा लिया जाता है परंतु लोन देने वाला बैंक या कंपनी बड़ी ही चतुराई के साथ उसके माता पिता को को-एप्लीकेंट बना लेते हैं। यानी यदि स्टूडेंट लोन की किस्त नहीं चुका पाया तो उसके माता-पिता से वसूल की जाएगी। ऐसी स्थिति में यदि स्टूडेंट किसी अप्रिय घटना का शिकार बन जाता है। वह आंशिक या पूर्ण रूप से दिव्यांग हो जाता है। अथवा उसकी मृत्यु हो जाती है तो ऐसी स्थिति में उसके माता-पिता को दोहरी परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। इंश्योरेंस कंपनी लोन की रकम अदा कर देगी।
हायर एजुकेशन स्टूडेंट को कितने प्रकार के इंश्योरेंस लेनी चाहिए
यदि कोई स्टूडेंट अपने शहर के बाहर अथवा अपने देश के बाहर उच्च शिक्षा के अध्ययन के लिए जा रहा है तब उसके लिए लाइफ इंश्योरेंस सबसे अनिवार्य है। इसके अलावा उसका हेल्थ इंश्योरेंस भी होना चाहिए। यदि एजुकेशन लोन लिया है तो एजुकेशन लोन का इंश्योरेंस और ट्रैवल इंश्योरेंस काफी उपयोगी साबित होता है। थोड़ा पैसा खर्च होता है परंतु यह हॉस्टल की बर्थडे पार्टी के खर्चे से कम होता है।