भोपाल। कारम बांध मामले में जल संसाधन विभाग मध्यप्रदेश शासन के आठ इंजीनियरों के खिलाफ आरोप पत्र जारी कर दिए गए हैं। जवाब प्रस्तुत करने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है। मध्य प्रदेश में मानसून के दिनों में अगस्त 2022 में धार जिले में का कारण मध्यम सिंचाई परियोजना के तहत निर्मित बांध टूट गया था। इसकी बाढ़ से पब्लिक को बचाने के लिए सरकार के ₹500000000 खर्च हुए।
सभी इंजीनियरों पर आरोप है कि 304 करोड़ रुपये की लागत वाले कारम बांध के निर्माण में सुपरविजन और निर्माण की शर्तों का पालन न कराए जाने से बांध क्षतिग्रस्त हुआ। जिससे 18 गांवों में जान-माल की तबाही रोकने के लिए आबादी को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया और बांध के दांए कोने में कट लगाकर चैनल बनाकर पानी की निकासी की गई। इससे विभाग की छवि धूमिल हुई है।
कारण बांध के आरोपी इंजीनियरों की लिस्ट
जल संसाधन विभाग ने जिन आठ इंजीनियर के खिलाफ आरोप पत्र जारी किए हैं उनमें तत्कालीन प्रभारी मुख्य अभियंता नर्मदा ताप्ती कछार सीएस घटोले, तत्कालीन एसई जल संसाधन मंडल धार पी जोशी, तत्कालीन कार्यपालन यंत्री बीएल निनामा, तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी विकार अहमद सिद्दीकी एवं चार तत्कालीन उपयंत्री विजय कुमार जत्थाप, राजेंद्र कुमार श्रीवास्तव, अशोक कुमार राम एवं दशावंता सिसौदिया शामिल है। इन इंजीनियरों से 15 दिन में जवाब मांगा है।