ग्वालियर। उच्च शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश शासन द्वारा लोक सेवा आयोग के माध्यम से असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। इसके कारण चिंतित अतिथि विद्वान सड़कों पर उतर आए। शनिवार को फूलबाग चौराहे से लेकर मंशापूर्ण हनुमान मंदिर तक दंडवत करते हुए पहुंचे और भगवान से मनोकामना पूर्ति के लिए प्रार्थना की।
मध्यप्रदेश में एक बार फिर अतिथि विद्वानों का अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू हो गया है। पिछले 10 दिनों से ग्वालियर में अतिथि विद्वानों का आंदोलन चल रहा है। एटीट्यूड नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे अतिथि विद्वानों को विपक्षी पार्टी के नेताओं का सपोर्ट मिल रहा है। मध्य प्रदेश ग्रामीण कर्मचारी संघ द्वारा अतिथि विद्वानों को समर्थन की घोषणा की गई है।
अतिथि विद्वानों की मांग है कि उन्हें नियमित किया जाए। किसी भी प्रकार की भर्ती प्रक्रिया शुरू करने से पहले उनके भविष्य को सुरक्षित किया जाए। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस की कमलनाथ सरकार के समय भी अतिथि विद्वानों ने इसी प्रकार का अनिश्चितकालीन आंदोलन किया था। राजधानी भोपाल में शिवराज सिंह चौहान स्वयं उपस्थित होकर उनकी मांगों का समर्थन किया था। अतिथि विद्वानों का कहना है कि अब जबकि शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं, उन्हें अतिथि विद्वानों के हित में फैसला लेना चाहिए।