MP NEWS- पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा के रिजल्ट पर विवाद, 27% OBC आरक्षण का मामला

Bhopal Samachar
भोपाल
। गृह विभाग मंत्रालय मध्यप्रदेश शासन के अंतर्गत मध्य प्रदेश पुलिस के लिए प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड भोपाल द्वारा आरक्षक भर्ती परीक्षा 2020 का आयोजन किया गया था जिसका रिजल्ट कर्मचारी चयन मंडल द्वारा घोषित किया गया। घोषित होते ही रिजल्ट विवादित हो गया है क्योंकि इसमें 27% ओबीसी आरक्षण का प्रावधान किया गया है जबकि यह विवाद उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। 

गृह विभाग के सचिव और कर्मचारी चयन मंडल की चेयरमैन का बयान

मप्र कर्मचारी चयन मंडल की संचालक षणमुख प्रिया मिश्रा का कहना है कि गृह विभाग से जो सीट मैट्रिक्स प्राप्त हुई थी, उसी के अनुसार रिजल्ट जारी किया गया है। गृह विभाग के एसीएस राजेश राजौरा का कहना है कि आरक्षक भर्ती के मामले में आरक्षण विवाद सामने नहीं आया है। इस मामले में परामर्श के बाद ही ओबीसी को 27% आरक्षण देकर रिजल्ट जारी किया है।

याचिका लगाई तो रिजल्ट स्थगित हो जाएगा: रिटायर्ड जज, हाईकोर्ट

हाईकोर्ट में ओबीसी आरक्षण का प्रकरण विचाराधीन है तो सभी विभागों के रिजल्ट ओबीसी को 14% आरक्षण देकर घोषित किए जाने चाहिए। जीएडी ने एमपीपीएससी को रिजल्ट बनाने के लिए जो गाइडलाइन दी है, उसका पालन भी सभी विभागों को एकरूपता से करना चाहिए। ऐसा नहीं करना कोर्ट की मंशा के अनुरूप नहीं होगा। अलग-अलग विभागों के लिए अलग-अलग आरक्षण देना कोर्ट के निर्णय की मंशा के विपरीत है। प्रभावित उम्मीदवार कोर्ट में चुनौती देता है तो रिजल्ट पर पर रोक लग जाएगी। -जस्टिस आलोक वर्मा, रिटायर्ड जज, हाईकोर्ट

MPPSC को दोबारा परीक्षा करवानी पड़ रही है 

कर्मचारी चयन मंडल की चेयरमैन और गृह विभाग के मुखिया के बयानों से लगता है कि वह मध्य प्रदेश पुलिस में आरक्षक की भर्ती नहीं करना चाहते बल्कि सिर्फ रिजल्ट घोषित करना चाहते थे। इसलिए उन्होंने 27% आरक्षण का प्रावधान कर दिया, क्योंकि मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग को भी इसी प्रकार 27% आरक्षण का प्रावधान करने के कारण राज्य सेवा एवं राज्य वन सेवा की परीक्षा दोबारा करवानी पड़ रही है। स्वाभाविक है, आरक्षक भर्ती परीक्षा मामले में भी ऐसा ही हो सकता है। 

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