भोपाल। मध्यप्रदेश के रतलाम में महिला अधिकारी डॉक्टर नीलम कटारा को 4 साल जेल की सजा सुनाई गई है। उन पर आरोप था कि उन्होंने आयुष विभाग के एक रिटायर्ड अधिकारी से ₹4000 रिश्वत मांगी थी। कोर्ट में ट्रायल के दौरान अपराध प्रमाणित पाया गया और नीलम को अपराधी करार देते हुए जेल की सजा सुनाई गई।
कौन है डॉक्टर नीलम कटारा, किस धारा के तहत सजा सुनाई
यह मामला 7 साल पुराना है। मध्यप्रदेश के रतलाम जिले के विशेष न्यायालय में विद्वान न्यायाधीश संतोष कुमार गुप्ता ने फैसला सुनाया। डॉक्टर नीलम कटारा 7 साल पहले रतलाम में जिला आयुष अधिकारी के पद पर पदस्थ थी। वह मूल रूप से (ग्राम ख्वासा जिला झाबुआ) की निवासी है। उन्हें भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13 (1) डी सहपठित धारा 13(2) में के तहत दोषी पाया गया है।
डॉक्टर नीलम कटारा पर क्या आरोप थे
अभियोजन के मीडिया सेल प्रभारी चौपसिंह ठाकुर ने बताया कि आयुष विभाग से सेवानिवृत्त जिला आयुष अधिकारी सुरेशचंद्र शर्मा ने लोकायुक्त एसपी कार्यालय उज्जैन में 26 अक्टूबर 2015 को लिखित शिकायत की थी कि 30 जून 2015 को रिटायर होने के बाद विभाग से होने वाले एनपीए (अव्यवसायी भत्ते) के 8.96 लाख रुपये के भुगतान के लिए तत्कालीन जिला आयुष अधिकारी डा. नीलम कटारा ने पांच हजार रुपये की रिश्वत मांगी। एसपी लोकायुक्त ने तत्कालीन निरीक्षक प्रशांत मुकादम को प्रकरण सौंपा था।
निरीक्षक मुकादम ने डा. शर्मा को गोपनीय रूप से रिश्वत संबंधी बात रिकार्ड करने के लिए शासकीय डिजिटल वाइस रिकार्डर दिया था। डा. शर्मा ने नीलम कटारा द्वारा रिश्वत के चार हजार रुपये लेना तय करने की बातचीत रिकार्ड कर लोकायुक्त में दी।
इसके बाद तीन नवंबर 2015 की दोपहर निरीक्षक मुकादम दल लेकर स्थानीय त्रिपोलिया गेट के पास स्थित जिला आयुर्वेद चिकित्सालय के बाहर पहुंचे थे। डा. शर्मा द्वारा रुपये देकर इशारा करने पर टीम के सदस्यों ने डा. कटारा को पकड़ लिया था व उनके बैग से रिश्वत के चार हजार रुपये जब्त किए थे।
विवेचना के बाद लोकायुक्त ने डा. कटारा के खिलाफ न्यायालय में चालान पेश किया था। जुर्माना जमा नहीं भरने पर डा. कटारा को एक माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतना पड़ेगा। प्रकरण में शासन की तरफ से पैरवी पूर्व सहायक जिला अभियोजन अधिकारी सीमा शर्मा व वर्तमान जिला सहायक अभियोजन रोजर चौहान ने की।