भोपाल। मध्यप्रदेश में भारत जोड़ो यात्रा के बीच कांग्रेस पार्टी की कलह और विवाद लगातार सामने आ रहे हैं। इंदौर के खालसा कॉलेज घटनाक्रम के बाद नरेंद्र सिंह सलूजा कमलनाथ से इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं।
सलूजा के लिए तो कमलनाथ ही कांग्रेस थे
मध्यप्रदेश में कुछ नेता ऐसे हैं जिनकी कांग्रेस कमलनाथ से शुरू होती है और कमलनाथ पर ही खत्म हो जाती है। नरेंद्र सिंह सलूजा एक ऐसे ही नेता थे। वह कमलनाथ के लिए काम करते थे और इसलिए कांग्रेस पार्टी में किसी न किसी पद पर बने रहते थे। नरेंद्र सिंह सलूजा सिख समाज के उन नेताओं में से एक है जो कमलनाथ को समाज में प्रतिष्ठित करने का लगातार प्रयास करते थे।
सलूजा, सिख समाज में कमलनाथ को प्रतिष्ठित करना चाहते थे
इंदौर में खालसा कॉलेज घटनाक्रम के बाद जब सिख समाज के प्रमुख धर्म प्रचारकों ने कमलनाथ के प्रति अपना आक्रोश प्रकट किया और इंदौर के सिख समाज को डरपोक एवं स्वार्थी कहा तो परिस्थितियां बदल गई। नरेंद्र सिंह सलूजा ने कहा कि समाज को छोड़कर कमलनाथ का साथ नहीं दे सकता। इंदौर वाले घटनाक्रम के बाद से ही मैंने उनसे अपने संबंध तोड़ लिए हैं।
नरेंद्र सिंह सलूजा का भारतीय जनता पार्टी में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वयं उपस्थित होकर स्वागत किया। इस कार्यक्रम के होस्ट भाजपा के मीडिया प्रमुख लोकेंद्र पाराशर हैं। यहां उल्लेख करना अनिवार्य है कि भोपाल समाचार ने इसकी जानकारी मध्यप्रदेश में भारत जोड़ो यात्रा प्रारंभ होने से पहले अपने नियमित पाठकों तक पहुंचा दी थी।
सलूजा के आने से भाजपा मजबूत होगी: सीएम शिवराज सिंह
इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के व्यक्तित्व,कृतित्व से प्रभावित होकर आज श्री नरेंद्र सिंह सलूजा भाजपा परिवार में सम्मिलित हो रहे हैं। भाजपा एक वैभवशाली, गौरवशाली राष्ट्र के निर्माण हेतु मोदी जी के नेतृत्व में काम कर रही है। राष्ट्रीय पुनर्निर्माण का हिस्सा अब सलूजा जी हैं।
श्री नरेंद्र सलूजा जी के आने से भाजपा को मजबूती मिलेगी। एक ऐसे नेता जो अपने तर्कों के आधार पर अपनी बात रखते हैं, भाजपा के पास होंगे। मैं भाजपा परिवार में सलूजा जी का स्वागत करता हूं। परिश्रमपूर्वक पार्टी का कार्य करें और देश के निर्माण में अपना अमूल्य योगदान दें। शुभकामनाएं!
कमलनाथ नाराज थे, नरेंद्र सलूजा से बात नहीं कर रहे थे
एक खबर यह भी है कि यह इंदौर खालसा कॉलेज वाले घटनाक्रम के बाद कमलनाथ, नरेंद्र सिंह सलूजा से नाराज थे। नरेंद्र सलूजा से बात नहीं कर रहे थे और नरेंद्र सलूजा को पार्टी की तरफ से किसी भी प्रकार का संपर्क करने से मना कर दिया था। केवल घोषणा नहीं की थी लेकिन एक प्रकार से उन्हें कांग्रेस पार्टी से सस्पेंड कर दिया गया था।
कमलनाथ को नहीं पता था कि उन्हें सरोपा भेंट किया जा रहा है लेकिन नरेंद्र सिंह सलूजा को पता था। नरेंद्र सिंह को यह भी मालूम था कि सरोपा का सिख समाज में क्या महत्व होता है। कमलनाथ का मानना है कि नरेंद्र सलूजा की गलती के कारण सिख समाज में वर्षों से बनाई गई प्रतिष्ठा खत्म हो गई।