भोपाल। स्कूल शिक्षा विभाग में काम कम कारनामे ज्यादा होते हैं। ट्रांसफर में भी ऐसा ही हुआ है। शिवपुरी में एक महिला शिक्षक का ट्रांसफर इसलिए नहीं हुआ था क्योंकि डीईओ की सहेली होने के बावजूद उससे मिलने नहीं गई थी। अब सागर में संस्कृत विषय की महिला शिक्षक का ट्रांसफर उर्दू स्कूल में कर दिया। अब महिला कर्मचारी परेशान है। अपनी जिंदगी में जिन शब्दों को पढ़ने की जहमत नहीं उठाई, अब उनकी किताबों का बोझ उठाना पड़ेगा।
डीपीआई भोपाल ने महिला शिक्षक का बेतुका ट्रांसफर किया
लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल से जारी आदेश के अनुसार हायर सेकंडरी स्कूल गिरवर में पदस्थ महिला शिक्षक सुरेखा पाटकर संस्कृत विषय की माध्यमिक शिक्षक हैं। सुरेखा पाटकर का तबादला लोक शिक्षण भोपाल द्वारा हायर सेकंडरी उर्दू स्कूल परकोटा किया गया है। उर्दू स्कूल में संस्कृत नहीं पढ़ाई जाती, जिससे यहां संस्कृत शिक्षक का पद भी नहीं है लेकिन संचालनालय से पाटकर की पदस्थापना उर्दू स्कूल में कर दी गई।
जिले के अधिकारियों ने जबरदस्ती ज्वाइन करा दिया
संस्कृत शिक्षक सुरेखा पाटकर की 3 नवंबर को जिला शिक्षा अधिकारी के आदेश पर संकुल प्राचार्य एमएलबी द्वारा ज्वाइनिंग भी करवा दी गई है। हालांकि उर्दू स्कूल परकोटा के प्राचार्य नंदलाल भारती ने इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी सागर एवं संकुल प्राचार्य को एक टीप जरूर लिखी है। जिसमें बताया गया है कि संस्था में उर्दू माध्यम के विषय संचालित हैं, संस्कृत विषय संचालित नहीं है। संस्कृत के स्थान पर उर्दू विषय पढ़ाया जाता है।
एमपी एजुकेशन पोर्टल पर तो संस्कृत लिखा है: DEO
इस बारे में जिला शिक्षा अधिकारी अखिलेश पाठक ने बताया कि चूंकि उर्दू हायर सेकंडरी स्कूल परकोटा में संस्कृत का पद पोर्टल पर रिक्त शो हो रहा है। वहां संस्कृत का पद है और वह रिक्त था तो संचालनालय से पदस्थापना की गई है। इस कारण संकुल प्राचार्य ने सुरेखा पाटकर की ज्वाइनिंग कराई। यहां सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि पोर्टल पर संस्कृत का पद किसने सृजित कर दिया।