MP NEWS- इंटरनेशनल प्लेयर ने सुसाइड किया, INDORE मल्टी अग्निकांड में भाई की मौत से डिप्रेशन में थी

बैतूल।
 मध्य प्रदेश की बैतूल निवासी इंटरनेशनल बॉस्केट बॉल प्लेयर प्रार्थना साल्वे ने सुसाइड कर लिया। प्रार्थना इंदौर मल्टी अग्निकांड में भाई की मौत के बाद से डिप्रेशन में थी। प्रार्थना साल्वे (17) बुधवार शाम को घर से प्रैक्टिस के लिए मैदान जाने का बोलकर निकली थी। 

रात करीब 9 बजे परिजनों ने उसका वॉइस मैसेज देखा। इसमें उसने कोसमी डैम में कूदकर सुसाइड की बात कही थी। वॉइस मैसेज सुनने के बाद परिजनों ने उसकी देर रात तक तलाश की, लेकिन वह नहीं मिल सकी। प्रार्थना के पिता टीचर है।परिजनों ने इसके बाद पुलिस को सूचना दी। गुरुवार सुबह फोरलेन स्थित कोसमी डैम पर एक स्कूटी लावारिस हालत में खड़ी मिली। ये प्रार्थना की थी। इसके  करीब दो घंटे बाद उसका शव मिल सका। 

'खेलो इंडिया' के लिए चयन हुआ था

प्रार्थना के बास्केट बॉल कोच राकेश वाजपेई ने बताया कि वह बेहद खुशमिजाज थी। वह अच्छी खिलाड़ी थी। वह नेशनल के साथ कई इंटरनेशनल मैच खेल चुकी थी। हाल ही में वह एशिया कप में हिस्सा लेकर जॉर्डन से वापस लौटी थी। यहीं पर खेल के दौरान उसका लिगामेंट टूट गया था, जिसका 3-4 महीने से इलाज चल रहा था। वह रशिया भी खेलने जा चुकी थी। प्रार्थना नेशनल विनर रही है। बेंगलुरु में हुए नेशनल टूर्नामेंट में वह एमपी की टीम से खेली थी। प्रार्थना का चयन 'खेलो इंडिया' के लिए भी हुआ था। जिसकी उसे स्कॉलरशिप भी मिलती थी।

आखिरी मैसेज

मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है, मेरे से अब हो नहीं पा रहा है। मैं कितना भी ट्रॉय कर लूं, मेरे से नहीं हो रहा। मैं सोच रही थी, सबकुछ अच्छे से वापस करूं, पर नहीं हो पा रहा था। मैंने बहुत ट्रॉय किया। मैं सोच रही थी, सबकुछ हटा दूंगी। कोई बात नहीं इतना तो चलता है। सब पहले जैसा हो जाएगा, थोड़ी सी लग गई तो क्या...। कब से अपने आप को अंदर ही अंदर सही करने का ट्रॉय कर रही हूं, लेकिन नहीं हो रहा है। बहुत ट्रॉय किया नहीं हुआ। अब नहीं देखा जाता, घर में जो झगड़े होते हैं। भले ही वो छोटे-छोटे हों, पर अब नहीं देखा जाता मुझसे। मेरे से नहीं होगा अब। जीने से डर लगने लगा है। मेरे से हो ही नहीं पाएगा। छोटी-छोटी दिक्कतों को देखकर ऐसा लगाता है, जैसे कितनी बड़ी दिक्कत आ गई, अब मैं कैसे करूं। मुझसे नहीं हो रहा है। भैय्या का हुआ... अंदर ही अंदर रोई। आज तक किसी के सामने अच्छे से रोई तक नहीं। उसके बाद घर में बात नहीं करती थी तो सबको लगता था अपने में रहती है, बहुत ज्यादा सेलफिश है। इसे कोई फर्क नहीं पड़ता। ऐसा नहीं था, मैं उस चीज को अवाइड करना चाहती थी, ताकि मुझे रोना नहीं आए। मैं कमजोर नहीं दिखूं। मैंने बहुत ट्रॉय किया। अभी तक लगता है भैय्या मेरी वजह से चला गया। मुझे माफ कर दाे, मेरे से नहीं होगा। सॉरी, अब नहीं होगा।

मैं रोज सोचती थी, ठीक है कुछ नहीं होता, फिर सबकुछ आ जाएगा। पहले जैसा सब हो जाएगा। सब नाॅर्मल हो जाएगा। न कोई झगड़ा न कोई लड़ाई घर में होगी। मैं भी अपना गेम खेलने लगूंगी। पर ऐसा नहीं हो पाया। अंदर ही अंदर मर गई हूं। कब से सोच रही थी कि सबकुछ खत्म कर दूंगी, पर कर नहीं पाई। डेली सोचती थी कि एक चांस खुद को दे दूं। अब सबकुछ सही हो जाएगा। वापस खेलने जाऊंगी तो लाइफ नॉर्मल लगेगी। मुझे सब काेई माफ कर दो, अब नहीं हो पाएगा। प्लीज नहीं होगा, सॉरी... सब बाेलते थे तू जल्दी आ जा, सब लोग तेरा वेट कर रहे हैं। तुझे फिर से खेलते देखना चाहते हैं। मैंने बहुत ट्रॉय किया, डेली सोचती थी कि अब करूंगी, लेकिन पूरा मन मर जाता था।

जब सर ने बुलाया तो मैं रेडी हो गई। एक दो दिन में चली जाऊंगी, वहां जाकर ठीक हो जाऊंगी। पता नहीं फिर मन मर गया मेरा। कल पापा ने पूछा- कब जा रही है। मेरे पास कोई जवाब नहीं था। मुझे पता ही नहीं करना क्या है। शांत रहने का मतलब यह नहीं मैं ठीक हूं। मेरे दिमाग में क्या चल रहा है, वह भी तो कभी पूछना था न सबको। एक बार तो बिठा के अच्छे पूछ लेते, गुडिया क्या हुआ, इतनी चुप क्यों है। मन नहीं है तो कोई बात नहीं है। कैसे बोलूं मैं नहीं रो पाई थी। भैय्या था तो मैसेज करके पूछता था कि गुडिया कैसी है, खाना खाई की नहीं। मैं हॉस्टल में भी बताती थी कि पापा का मैसेज नहीं आता था, लेकिन भाई का मैसेज आता है, पापा का कभी नहीं... मेरे से नहीं होगा सॉरी... सॉरी मम्मी... मेरे से नहीं होगा... मुझे माफ कर दो।

भाई की मौत से उबर नहीं पाई

इंदौर की एक मल्टी में 7 महीने पहले एक सिरफिरे आशिक ने आग लगा दी थी। इसमें प्रार्थना के भाई देवेंद्र की मौत हो गई थी। भाई की मौत के बाद से ही प्रार्थना गुमसुम-सी रहने लगी थी। बहन का चयन नेशनल जूनियर बास्केटबॉल टीम में हुआ था। भाई उसे बैतूल से दिल्ली लेकर गया था। यहां से लौटकर इंदौर में स्वर्णबाग कॉलोनी में रहने वाले अपने दोस्त गौरव से मिलने गया और वहीं रुक गया था। इसी दौरान रात में हादसे का शिकार हो गया। बताया जा रहा है कि प्रार्थना भाई की मौत के सदमे से उबर नहीं पा रही थी। वह लिगामेंट टूटने से भी परेशान थी।

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