भोपाल। स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय मध्यप्रदेश शासन द्वारा हाल ही में बड़े पैमाने पर शिक्षकों के ट्रांसफर किए गए हैं। इससे पहले ट्रांसफर पॉलिसी जारी की गई थी। स्थानांतरण नीति में स्पष्ट था कि उत्कृष्ट विद्यालय, मॉडल स्कूल और सीएम सनराइज स्कूल इस ट्रांसफर प्रक्रिया से बाहर रहेंगे। सारी प्रक्रिया ऑनलाइन थी और केवल एक फिल्टर लगाकर समस्या का समाधान किया जा सकता था परंतु अधिकारियों ने जानबूझकर ऑनलाइन प्रक्रिया में सभी विकल्प खुले रखे नतीजा बड़ी संख्या में पॉलिसी के खिलाफ ट्रांसफर हुए हैं। स्पष्ट रूप से मध्यप्रदेश शिक्षक ट्रांसफर घोटाला है। SIT के द्वारा इसकी जांच कराई जानी चाहिए और जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
सुनील सिंह परिहार, प्रदेश अध्यक्ष अतिथि शिक्षक समन्वय समिति का कहना है कि सरकार ने जो 9 सितंबर को स्थानांतरण नीति जारी की है उसमें स्पष्ठ लिखा है कि मॉडल / उत्कृष्ठ विद्यालयों में परीक्षा के माध्यम से शिक्षकों की पदस्थापना की जाएगी। स्थानांतरण से कोई शिक्षक मॉडल और उत्कृष्ट विद्यालय में नहीं आएगा, लेकिन शिक्षा विभाग ने सरकार की स्थान्तरण नीति के खिलाफ मॉडल और उत्कृष्ट विद्यालय ट्रांसफर कर दिए हैं।
बता दें कि पिछले दिनों शिक्षा विभाग में शिक्षकों के ट्रांसफर हेतु 1 अक्टूबर से ऑनलाइन आवेदन मंगवाए गये थे। ऑनलाइन आवेदन करते समय स्पष्ट निर्देशित किया गया था कि कोई भी शिक्षक मॉडल उत्कृष्ट विद्यालय हेतु चॉइस फिलिंग नहीं करेगा लेकिन शिक्षकों ने उसकी उल्टा मॉडल और उत्कृष्ट विद्यालय को चॉइस कर लिया मजे की बात तो यह है कि विभाग ने उस पर छानबीन ना करते हुए उन विद्यालयों पर शिक्षकों का स्थानांतरण भी कर दिया।
ऑनलाइन आवेदन मंगवाने के बाद शिक्षा विभाग ने ऑनलाइन आदेश 22 अक्टूबर को जारी किया गया। आदेश में स्पष्ट निर्देश दिया गया था कि नीति से हटकर किसी का भी स्थानांतरण नहीं किया जाएगा लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने मनमाने तरीके से मॉडल और उत्कृष्ट विद्यालय शिक्षकों का स्थानांतरण आदेश जारी कर दिया और अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि इन शिक्षकों को इन स्कूलों में ज्वाइन करवाना है या नहीं इसको लेकर मॉडल स्कूल के प्रचार काफी परेशान लग रहे हैं उच्च अधिकारियों से संपर्क होने पर भी उनको स्पष्ट जवाब नहीं मिल पाया।
अतिथि शिक्षकों को भी अतिथि विद्वानों की तरह बोनस अंक चाहिए
अतिथि विद्वानों को मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा में अनुभव के अधिकतम 20 अंक बोनस के दिये हैं। जबकि शासकीय विद्यालयों में कार्यरत अतिथि शिक्षकों को 25 प्रतिशत आरक्षण देकर अतिथि शिक्षकों के साथ छलावा किया है। यदि शिक्षक भर्ती में अतिथि शिक्षकों को सत्र एवं कार्यदिवस के आधार पर बोनस अंक दिए होते तो लगभग अस्सी प्रतिशत अतिथि शिक्षक स्थाई हो जाते।