भोपाल। मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ जिले में माधवराव सिंधिया की प्रतिमा को लेकर विवाद की स्थिति बन गई है। लोगों ने प्रतिमा का अनावरण नहीं किया और चेतावनी दी है कि यदि प्रतिमा को हटाया नहीं गया तो हाईकोर्ट में अवमानना की याचिका दाखिल की जाएगी।
टीकमगढ़ में माधवराव सिंधिया की प्रतिमा को लेकर क्या विवाद है
टीकमगढ़ में सर्किट हाउस का बड़ा महत्व है। यहां जितने भी वीआईपी आते हैं, सभी सर्किट हाउस जाते हैं। इसी सर्किट हाउस परिसर में स्वर्गीय माधवराव सिंधिया की मूर्ति लगाई जा रही है। लोगों का कहना है कि टीकमगढ़ की यह ऐतिहासिक इमारत जिसे सरकार ने सर्किट हाउस बना दिया है, महाराजा वीर सिंह जूदेव द्वारा बनवाई गई थी और उनकी संपत्ति है। माधवराव सिंधिया का टीकमगढ़ से कोई रिश्ता नहीं है। यहां पर उन्होंने एक पौधा तक नहीं लगाया। माधवराव सिंधिया की प्रतिमा को देखकर ऐसा लग रहा है जैसे उन्होंने ग्वालियर से आकर टीकमगढ़ में यह ऐतिहासिक इमारत बनवाई थी।
मध्यप्रदेश में चौराहों पर मूर्ति को लेकर हाई कोर्ट का फैसला क्या है
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने मार्च 2022 में एक याचिका में डिसीजन सुनाते निर्धारित किया है कि दिनांक 18 जनवरी 2013 के बाद मध्यप्रदेश के चौराहों पर लगाई गई सभी मूर्तियां अवैध है। हाई कोर्ट द्वारा मध्यप्रदेश शासन को ऑर्डर दिया गया है कि 18 जनवरी 2013 के बाद लगाई गई सभी मूर्तियों को हटा दिया जाए और भविष्य में किसी भी चौराहे पर कोई भी मूर्ति स्थापित नहीं की जाएगी।
भोपाल में अर्जुन सिंह की मूर्ति भी टंटे में फंसी है
इस आदेश के बाद राजधानी भोपाल में पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह की प्रतिमा का अनावरण रुक गया। टीटी नगर स्थित नानके पेट्रोल पंप से अर्जुन सिंह की प्रतिमा को हटाकर व्यापमं चौराहे पर शिफ्ट कर दिया। पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा पूरी ताकत लगा देने के बावजूद प्रतिमा का अनावरण नहीं हो पाया। अलबत्ता समय के साथ प्रतिमा पर लगा हुआ कपड़ा जरूर फट गया।