भोपाल। मध्य प्रदेश के पावरफुल नेताओं, अधिकारियों और करोड़पति कारोबारियों को पढ़ाने वाले शिक्षकों को अपने अधिकारों के लिए सड़कों पर उतरना पड़ रहा है। स्कूल शिक्षा एवं जनजातीय विभाग के अंतर्गत कार्यरत एवं रिटायर, शिक्षकों अधिकारियों एवं कर्मचारियों के प्रांत व्यापी संगठन समग्र शिक्षक संघ मध्य प्रदेश में सरकार को अल्टीमेटम देते हुए आंदोलन के कार्यक्रम की घोषणा कर दी है।
मध्यप्रदेश में ओल्ड कैडर के शिक्षकों का चरणबद्ध आंदोलन 5 दिसंबर से
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं मुख्य सचिव मध्य प्रदेश शासन को भेजे गए सूचना पत्र में लिखा है कि, स्कूल शिक्षा और जनजातीय विभाग अंतर्गत कार्यरत पुराने संवर्ग के वरिष्ठ शिक्षक वर्षों से लंबित अपनी न्यायोचित मांगों का निराकरण न होने के कारण आक्रोशित है। इसी परिपेक्ष्य में दिनांक 20/11/2022 को इंदौर में आयोजित की गई समग्र शिक्षक संघ मध्य प्रदेश की प्रांतव्यापी बैठक में सर्वसम्मति से लिए गए निर्णय अनुसार प्रदेश के पुराने संवर्ग के शिक्षक अपनी लंबित मांगों के समर्थन में प्रदेश भर में 5 दिसंबर से चरणबद्ध आंदोलन की शुरुआत करेंगे।
मध्य प्रदेश शिक्षक आंदोलन का प्रथम चरण
- सोमवार 5 दिसंबर 2022 को जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन ज्ञापन।
- सोमवार 12 दिसंबर को एक दिवसीय सामूहिक अवकाश लेकर संभागीय मुख्यालय पर
- प्रदर्शन, ज्ञापन।
- सोमवार 19 दिसंबर को राजधानी मुख्यालय पर सांकेतिक प्रदर्शन, ज्ञापन।
- मध्य प्रदेश शिक्षक आंदोलन का द्वितीय चरण
- परिशिष्ट 2 में अंकित तय कार्यक्रम के अनुसार प्रदेश/ संभागीय स्तर पर क्रमिक धरना प्रदर्शन।
मध्यप्रदेश में ओल्ड कैडर शिक्षकों की मांगें
1. मा0 मुख्यमंत्रीजी द्वारा 23/12/2017 को नसरुल्लागंज में की गई घोषणा का क्रियान्वयन करते हुए शिक्षा एवं आदिमजाति कल्याण विभाग अंतर्गत कार्यरत सहायक शिक्षकों, उच्च श्रेणी शिक्षकों, प्रधानपाठकों तथा व्याख्याताओं को प्राप्त वेतनमान के अनुरूप पदोन्नति/ पदनाम का लाभ दिया जाए।
2. तृतीय वेतनमान की विसंगति दूर करते हुए 30 वर्ष की सेवा पर सहायक शिक्षकों को क्रमश: 4200 के स्थान पर 5400 तथा व्याख्याताओं को 6600 के स्थान पर 7600 का लाभ देय तिथि से दिया जाए।
3. अन्य विभागों के कर्मचारियों की भाति शिक्षकों को भी सेवाकाल में न्यूनतम 300 दिवस के अर्जित अवकाश के नकदीकरण का लाभ दिया जाए।
4. राज्य के शिक्षकों/कर्मचारियों को केंद्र तथा अन्य राज्यों की भांति कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ देते हुए सातवें वेतनमान के अनुरूप बीमा कटौती और गृह भाड़ा का लाभ दिया जाए।
5. पेंशनर्स समाज के हित में मध्यप्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49 अविलंब खत्मकर प्रदेश सेवारत / सेवानिवृत्त शिक्षकों/ कर्मचारियों को बकाया डी.ए./ डी.आर का भुगतान निर्धारित तिथि से किया जाए।
6. सामान्य प्रशासन की गाइडलाइन के विपरीत वरिष्ठ शिक्षकों को अतिशेष मानने की नीति में संशोधन करते हुए संस्था में आने की तिथि को आधार बनाते हुए कनिष्ठ शिक्षक को अतिशेष की श्रेणी में माना जाए।
7. वर्षों से नियुक्ति की आस में भटक रहे प्रदेश के दिवंगत शिक्षकों के आश्रित परिजनों को बिना शर्त अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जाए!