भोपाल। मध्यप्रदेश के मंदसौर में आयकर अधिकारी राम गोपाल प्रजापति को सीबीआई द्वारा रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया है। यह समाचार, एक बड़ा गंभीर विषय बन गया है क्योंकि शिकायतकर्ता उद्योगपति श्री संदीप मेहता ने बताया कि उन्हें इतना प्रताड़ित किया गया कि मरने तक की नौबत आ गई थी। इस मामले में एक और खुलासा यह हुआ है कि रामगोपाल की शिकायत के बाद उनका ट्रांसफर कर दिया गया था परंतु आयकर सलाहकार संघ ने वह ट्रांसफर रुकवा दिया था।
शिकायतकर्ता उद्योगपति संदीप मेहता का बयान
श्री संदीप मेहता ने बताया कि आयकर अधिकारी रामगोपाल प्रजापति ने उन्हें इतना परेशान कर दिया था कि मरने की नौबत आ गई थी। दो माह पहले उन्होंने मेरे मिलने वाले एक व्यक्ति को फोन लगाकर मुझे किसी बड़े केस में फंसाने की धमकी दी। मैं मुंबई में रहता हूं इसलिए मैंने फाेन पर ही प्रजापति से बात की। परेशान होकर मैंने उन्हें अकाउंट में रुपए भेजने तक का बोल दिया। वे नकद लेने की जिद पर अड़े रहे। फिर मैंने मुंबई में मिलने वालों से चर्चा की। उन्होंने सीबीआई में शिकायत का कहा।
आयकर अधिकारी, डिपार्टमेंट से छुट्टी लेकर कौन सा काम करते थे
आयकर डिपार्टमेंट के नियमों के अनुसार कोई भी आयकर अधिकारी किसी व्यापारी से मुलाकात नहीं कर सकता परंतु रामगोपाल प्रजापति, पुलिस डिपार्टमेंट के टीआई की तरह शहर में गस्त करते थे। 5 अगस्त को उन्होंने मंदसौर में ज्वाइन किया था और फिर छुट्टी पर चले गए थे, लेकिन छुट्टी के दौरान बाजार में सक्रिय थे। छुट्टी के दिनों में ही उन्होंने उद्योगपति संदीप मेहता से संबंधित पहला कॉल लगाया था। इसका मतलब डिपार्टमेंट के काम से छुट्टी लेकर कुछ और कर रहे थे।
सलाहकार संघ का संरक्षण प्राप्त कर लिया था
राम गोपाल प्रजापति को मंदसौर आयकर सलाहकार संघ का संरक्षण प्राप्त हो गया था। इधर कुछ व्यापारियों ने उनकी शिकायत प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त भोपाल मोहनीश वर्मा तक पहुंचा दी थी। शिकायत के आधार पर रामगोपाल प्रजापति को मंदसौर से वापस भोपाल बुला लिया गया था परंतु सलाहकार संघ ने उनका ट्रांसफर रद्द करने के लिए पत्र लिखा और अपने पत्र में दावा किया कि उनका व्यवहार बहुत अच्छा है।