इंदौर। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एवं सीएम कैंडिडेट कमलनाथ तनाव में है। उन्होंने अपनी टीम को टारगेट दिया है कि भारत जोड़ो यात्रा के मध्य प्रदेश में प्रवेश करने से पहले खालसा मामला पूरी तरीके से ठंडा हो जाना चाहिए। कमलनाथ की टीम अपना टारगेट अचीव करने के लिए जुट गई है और शुरुआत में उसे अच्छी सफलता मिल रही है।
कमलनाथ का इंदौर खालसा मामला क्या है
इंदौर के खालसा कॉलेज में प्रकाश पर्व के अवसर पर कीर्तन कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इसमें भारत के लोकप्रिय सिख कीर्तनकार श्री मनप्रीत सिंह कानपुरी को कीर्तन करने के लिए बुलाया गया था। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ इस कार्यक्रम के चीफ गेस्ट थे। इसी बात को लेकर बवाल हो गया है। सिख समाज कमलनाथ को 1984 के दंगों का दोषी मानता है। कीर्तनकार श्री मनप्रीत सिंह ने कीर्तन करने से इंकार कर दिया और आयोजकों को खूब खरी-खोटी सुनाई। उन्होंने इंदौर के सिख समाज के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए अपने जीवन में फिर कभी इंदौर नहीं आने का संकल्प ले लिया।
इसके बाद क्या हुआ point-to-point
- भारत के लोकप्रिय कीर्तनकार श्री मनप्रीत सिंह का बयान और संकल्प पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया।
- दिल्ली और पंजाब से भी सिख समाज की ओर से प्रतिक्रियाएं आने लगी।
- कमलनाथ राजनीतिक फायदा उठाने के लिए खालसा कॉलेज गए थे, भारी नुकसान होना शुरू हो गया।
- पंजाब विधानसभा चुनाव से पूर्व सिख समाज के इसी प्रकार के विरोध के चलते कमलनाथ को पंजाब के प्रभारी और कांग्रेस पार्टी की प्रथम पंक्ति से हटा दिया गया था।
- इंदौर में भारतीय जनता पार्टी ने उस स्थान का शुद्धिकरण किया जहां पर कमलनाथ बैठे थे।
- कीर्तन कार्यक्रम में कमलनाथ को सिख समाज की ओर से सरोपा सौंपा गया।
- इस मामले में आयोजकों की निंदा की जा रही है। कहा जा रहा है कि कमलनाथ को सरोपा नहीं सौंपाना चाहिए था।
विरोध तो पहले भी हुआ है, इस बार चिंता किस बात की
वैसे सिख समाज द्वारा कमलनाथ का विरोध पहले भी कई बार हुआ है लेकिन इस बार चिंता की बात इसलिए है क्योंकि यह विरोध राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के मध्य प्रदेश में प्रवेश के ठीक पहले हो रहा है। एक तरफ भारत जोड़ो का संदेश और दूसरी तरफ 84 के दंगों का दाग, काफी हानिकारक हो सकता है।
कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि कमलनाथ चाहते हैं कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का पूरा फायदा उठाया जाए। इधर राहुल गांधी किसी भी कीमत पर अपनी भारत जोड़ो यात्रा पर दाग लगवाने के लिए तैयार नहीं है। यदि खालसा वाला मामला जल्दी से शांत नहीं हुआ तो राहुल गांधी, कमलनाथ को भारत जोड़ो यात्रा से दूर कर सकते हैं। यदि ऐसा हो गया तो कमलनाथ का सपना टूट जाएगा। पिछले 4 साल की मेहनत बर्बाद हो जाएगी।