भोपाल। मध्य प्रदेश के लगभग एक लाख अतिथि शिक्षक एवं अतिथि विद्वानों के लिए गुड न्यूज़ है। अतिथि शिक्षकों की नियमितीकरण नीति के लिए शिक्षा मंत्री ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है। इस पत्र के साथ मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी कल्याण समिति के चेयरमैन रमेश चंद्र शर्मा की अनुशंसा भी संलग्न है।
राजनीतिक दृष्टि से अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण की प्रक्रिया में यह पहला चरण है। श्री अभय गुप्ता ने भोपाल समाचार को बताया कि मध्य प्रदेश कर्मचारी कल्याण समिति के चेयरमैन श्री रमेश चंद्र शर्मा (कैबिनेट मिनिस्टर स्टेटस) ने मध्यप्रदेश में अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण हेतु नीति बनाने के लिए अनुशंसा की थी। उन्होंने स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री इंदर सिंह परमार को लिखें आधिकारिक अभ्यावेदन में बताया था कि किस प्रकार हरियाणा, छत्तीसगढ़, राजस्थान एवं झारखंड राज्य में अतिथि शिक्षकों के हित में निर्णय लिए गए हैं।
स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार ने कर्मचारी कल्याण बोर्ड के प्रस्ताव को फाइनल डिसीजन के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पास प्रेषित कर दिया है। उल्लेख करना अनिवार्य है कि अतिथि शिक्षकों एवं अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण के बारे में फैसला कैबिनेट मीटिंग में ही हो सकता है। मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा और उसे आधिकारिक मंजूरी के लिए कैबिनेट मीटिंग में प्रस्तुत किया जाएगा। फिर उसे विधानसभा सत्र में पारित कराया जाएगा।
भोपाल समाचार का योगदान
अतिथि शिक्षक एवं अतिथि विद्वानों की लड़ाई में भोपाल समाचार हमेशा उनका साथ देता रहा है। आज भी भोपाल समाचार ने अतिथि विद्वानों के लिए एक एक्सक्लूसिव स्टोरी (GWALIOR में अतिथि विद्वान 25 दिन से ज्योतिरादित्य सिंधिया का इंतजार कर रहे हैं) का प्रकाशन किया है। और स्पष्ट किया है कि सन 2019 में अतिथि विद्वान और अतिथि शिक्षक मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री या सरकार के किसी पदाधिकारी से नहीं बल्कि ज्योतिरादित्य सिंधिया से मदद मांगने गए थे। अतिथि शिक्षकों को कांग्रेस नेता ने नहीं बल्कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने वचन दिया था और पार्टी बदल देने से वचन का महत्व कम नहीं हो जाता।
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