जबलपुर। सतना जिले में पदस्थ प्राथमिक/माध्यमिक शिक्षकों श्री मुकेश सिंह, महेंद्र सिंह, आशुतोष त्रिपाठी, रोशनी गौतम, धीरेंद्र सिंह, सरोज सिंह, राजकुमार शुक्ला, उमा पाण्डे, मिथिलेश शुक्ला, संध्या पांडेय, किरन सिंह, संगीता पांडेय, राजरानी परस्ते, अर्चना सिंह को, अध्यापक संवर्ग में रहते हुए, शासन के आदेश दिनाँक 13/10/09 के अनुपालन में, नसबंदी ऑपरेशन करवाने एवं ग्रीन कार्ड धारण करने के परिणामस्वरूप, दो अग्रिम वेतन वृद्धियां प्रदान की गई थीं।
उपरोक्तानुसार, छठवें वेतनमान में निर्धारण किया गया था परंतु अचानक वर्ष 2022 में संकुल प्राचार्यों द्वारा, वेतन निर्धारण छठे वेतनमान में त्रुटिपूर्ण बताकर एवं सरकारी आदेशों का हवाला देकर, छठवें वेतनमान के पुनर्निधारण के आदेश सर्विस बुक में टीप लिखकर, अग्रिम वेतन वृद्धि निरस्त कर, मासिक किस्तों में वसूली निर्देशित की गई थी।
शिक्षकों द्वारा पीड़ित होकर हाई कोर्ट की शरण ली गई थी। उनकी ओर से उच्च न्यायालय जबलपुर के वकील श्री अमित चतुर्वेदी द्वारा कोर्ट को बताया गया कि छठवें वेतनमान में वर्तमान मूल वेतन के आधार पर वेतन निर्धारण नही कर, वर्षों के आधार पर कृत्रिम वेतन निर्धारण, ग्रीन कार्ड के कारण प्राप्त एडवांस इन्क्रीमेंट का लाभ समाप्त कर वसूली उत्पन्न कर रहा है। इस प्रकार की वसूली नियम विरुद्ध एवं प्राकृतिक न्याय के विरुद्ध है।
उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा सुनवाई के बाद विभाग से जबाब, तलब करते हुए मासिक वसूली को स्टे कर दिया गया है।