भोपाल। ताजा समाचार यह है कि उमा भारती ने अज्ञातवास का ऐलान कर दिया है। इससे पहले नाम बदलने का ऐलान किया था। इस बार अज्ञातवास के साथ भारतीय जनता पार्टी को अल्टीमेटम भी दिया है। पार्टी के पास 8 दिसंबर तक का टाइम है। उसके बाद उमा भारती क्या करेंगी, आज उन्होंने नहीं बताया।
उमा भारती ने आज अपने बयान में लिखा कि, सोशल मीडिया मेरा सबसे बड़ा सहारा हैं। उनके द्वारा मेरी सभी बातें मेरे परिचित एवं सहयोगियों तक पहुँच जाती हैं। यह तो मीडिया की मेहरबानी है की वो उसमें से खबर बना लेते हैं एवं मेरी पहुँच का दायरा मेरे लोगों तक और बढ़ा देते हैं।
आज देव दीपावली हैं। भगवान कार्तिक स्वामी आज असुरों को पराजित करके हिमालय की और वापस लौटे। उनके इतने पराक्रम के बाद भी जब वो हिमालय की ओर लौटे तो अकेले पड़ गए। 2019 से पहले गंगा के किनारे की यात्रा के लिए और अब शराब के ख़िलाफ़ अपने अभियान के लिए भगवान का एवं लोगों का साथ तो रहा किंतु मेरी अपनी पार्टी बीजेपी मेरे इन दोनों अभियानों के प्रति कार्यक्रम के दृष्टि से तटस्थ रही।
निजी तौर पर मेरे पार्टी के नेता और कार्यकर्ता इन दोनों अभियानों के लिए मेरे प्रति सम्मान एवं समर्थन दिखाते हैं किंतु पार्टी के तरफ़ से कोई विशेष आयोजन इन विषयों को लेकर नहीं होता। मैं कल चंद्रग्रहण के बाद नागपुर होकर अमरकंटक के आसपास अज्ञातवास में रहते हुए मंडराते रहूँगी।
दत्त पौर्णिमा (8 दिसम्बर) तक प्रतीक्षा करती हूँ कि केंद्रीय स्तर पर हमारी पार्टी एवं राज्य स्तर पर हमारी मध्यप्रदेश की सरकार क्या नीति बनाती हैं। मसला गंभीर हैं। अब 8 दिसम्बर के बाद संवाद करेंगे।
उमा भारती ने भाजपा को अल्टीमेटम दिया
मध्य प्रदेश की राजनीति में उमा भारती एक ऐसा सीरियल बन गई है जिसके अगले एपिसोड में क्या होगा किसी को नहीं पता। एक बात सबको पता है कि बार-बार बयान और अभियान बदलने के कारण उमा भारती का मूल्य कम होता चला जा रहा है। सबको लगने लगा है कि सरकार पर दबाव बनाने के लिए और 2024 के लोकसभा चुनाव में टिकट प्राप्त करने के लिए उमा भारती शराबबंदी के अभियान को लेकर बयान दिया करती हैं। दरअसल, शराबबंदी के मामले में उमा भारती ने "तारीख पर तारीख -तारीख पर तारीख" दी परंतु अभियान शुरू नहीं किया। यही कारण है कि उमा भारती को लोगों ने गंभीरता से लेना बंद कर दिया।