जबलपुर। मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में रहने वाले एक बर्खास्त कर्मचारी ने जनवरी 2022 में हाई कोर्ट द्वारा निरस्त की गई याचिका नवंबर 2022 में फिर से प्रस्तुत कर दी। इस बात से उच्च न्यायालय नाराज हो गया और बर्खास्त कर्मचारी पर जुर्माना ठोक दिया गया।न्यायमूर्ति नंदिता दुबे की एकलपीठ ने याचिकाकर्ता बर्खास्त कर्मचारी की दूसरी बार प्रस्तुत याचिका को निरस्त करते हुए 30 दिन के भीतर जुर्माना राशि आर्मी सेंट्रल वेलफेयर फंड में जमा करके उसकी रसीद हाई कोर्ट रजिस्ट्री में प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं।
छिंदवाड़ा निवासी सुभाष बेंदे ने सेवा में बहाली को लेकर एक याचिका दायर की थी। इसी मुद्दे पर दोबारा भी याचिका दायर कर दी। इस पर माननीय न्यायालय ने सख्त रुख अपनाया है। मामले पर सुनवाई के पूर्व ही शासकीय अधिवक्ता प्रियंका मिश्रा ने याचिका की प्रचलनशीलता पर आपत्ति जताई। उन्होंने जानकारी दी कि इस संबंध में एक याचिका वर्ष 2013 से लंबित है। उक्त याचिका में कोर्ट ने 19 फरवरी, 2013 को आदेश पारित किया था। उन्होंने बताया कि इस आदेश के खिलाफ याचिकाकर्ता ने 2020 में भी एक याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने प्रचलन योग्य नहीं मानते हुए चार जनवरी, 2022 को निरस्त कर दिया था।
याचिकाकर्ता ने उसी पुराने आदेश को चुनौती देते हुए पुन: एक याचिका दायर कर दी। इस जानकारी को रिकार्ड पर लेकर हाई कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि याचिकाकर्ता ने पूरी जानकारी होने के बावजूद दूसरी याचिका दायर की, जो कि सर्वथा अनुचित है। इस तरह नहीं होना चाहिए। यह पूरी तरह अनुचित तरीके हैं।