भोपाल। मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ अपने आवास पर बैठकर पूरे प्रदेश में पार्टी चला रहे हैं। जिला स्तर पर कुछ नेता उनका अनुसरण करते हुए अपने आवास पर बैठकर पूरे जिले में पार्टी चला रहे हैं। नतीजा पार्टी में कुछ ऐसे पदाधिकारियों की नियुक्ति कर दी गई जिनका अस्तित्व इस दुनिया में है ही नहीं।
मामला मंडलम और सेक्टर की नियुक्तियों का है। कांग्रेस पार्टी ने सन 2018 में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के नीचे मंडलम और उसके नीचे सेक्टर बनाए थे। एक विधानसभा सीट के अंदर अधिकतम 30 मंडलम और 70 सेक्टर बनाए गए थे। कांग्रेस पार्टी के सीएम कैंडिडेट कमलनाथ का मानना है कि मंडलम और सेक्टर के पदाधिकारियों के कारण कांग्रेस पार्टी को सन 2018 में सत्ता मिली थी।
कमलनाथ ने इस बार 1 साल पहले ही मंडलम और सेक्टर को सक्रिय करने की योजना बनाई। जिलों में पदाधिकारियों से कहा गया कि वह योग्य कार्यकर्ताओं की नियुक्ति करके लिस्ट भेजें। लगातार फॉलोअप चले। जिलों के पदाधिकारियों ने लिस्ट भेज दी परंतु जैसे ही कमलनाथ की टीम ने मंडलम और सेक्टर के पदाधिकारियों से डायरेक्ट कम्युनिकेशन शुरू किया, नियुक्ति घोटाले का खुलासा हो गया।
जिलों से मंडलम और सेक्टर में कई ऐसे नाम लिस्ट में जोड़ दिए गए हैं जो शायद इस दुनिया में है ही नहीं। शायद जिनका जन्म ही नहीं हुआ। फर्जी नाम और फर्जी मोबाइल नंबर डालकर लिस्ट बना दी गई। अब कमलनाथ की टीम आग बबूला हो रही है। वेरिफिकेशन शुरू हो गया है। देखना यह है कि इन्वेस्टिगेशन के बाद क्या होता है।