भोपाल। मध्य प्रदेश के 52 जिले, 230 विधानसभा से लेकर 23000 ग्राम पंचायतों तक हर इलाके में सरकारी नौकरी की मिठाईयां बटवाने के लिए सभी विभागों को फ्री हैंड देने की तैयारी की जा रही है। मंजूरी की औपचारिकता के लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने एक ड्राफ्ट तैयार करके वित्त विभाग को भेज दिया है। इस बार वित्त विभाग कोई रंग नहीं लगाएगा क्योंकि चुनाव आने वाले हैं।
मामला क्या है, सरल हिंदी में समझिए
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 1 साल में 100000 युवाओं को सरकारी नौकरी देने की घोषणा कर दी। सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों से रिक्त पदों की जानकारी मांग ली परंतु मध्य प्रदेश के निर्धारित भर्ती नियमों के अनुसार कोई भी डिपार्टमेंट उसके लिए स्वीकृत कुल पदों में से 5% से अधिक पदों पर भर्ती नहीं कर सकता। मध्यप्रदेश में सभी विभागों में सरकारी कर्मचारियों के लिए स्वीकृत पदों की संख्या 500000 से अधिक नहीं है। इस हिसाब से नियम अनुसार 1 साल में 25,000 से अधिक रिक्त पदों पर भर्ती नहीं की जा सकती। इसलिए सरकार ने नियम तोड़ने की प्लानिंग कर ली है।
SC-ST के लिए 21000 पद रिक्त परंतु योग्य उम्मीदवार ही नहीं मिल रहे
प्रदेश में राज्य संवर्ग के चार लाख 59 हजार 552 पद स्वीकृत हैं। इनमें से तीन लाख 57 हजार 726 भरे हुए हैं। एक लाख एक हजार 958 रिक्त हैं। इनमें से 21096 पद बैकलाग के हैं। इनके लिए सरकार को कई प्रयास करने के बाद भी अनुसूचित जाति-जनजाति और निशक्तजनों के योग्य व्यक्ति नहीं मिल रहे हैं।
MPPSC और ESB, 1 साल में कितनी परीक्षाएं करेंगे
सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों को निर्देशित किया है कि वह भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ करने के लिए अस्था बनाकर मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग एवं मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल को भेज दें। दोनों संस्थाओं के पास संसाधनों की भारी कमी है। ठेकेदारों पर डिपेंडेंसी है। पिछले 4 साल में काम करने की आदत भी नहीं रही। सवाल यह है कि 1 साल में इतनी सारी परीक्षाएं कैसे कराएंगे।