इंदौर। मध्य प्रदेश में सरकारी नौकरियों में 27% ओबीसी आरक्षण का विवाद पिछले 3 साल से लगातार चल रहा है। पीएससी की परीक्षा में पास कर चुके उम्मीदवार फैसले का इंतजार कर रहे हैं। अब ऐसे उम्मीदवारों ने हाईकोर्ट में शरण ली है। उनका कहना है कि यह मामला उनके भविष्य को प्रभावित कर रहा है इसलिए उन्हें भी एक पक्षकार बनाया जाए।
ओबीसी आरक्षण पर विवाद 2019 से हाई कोर्ट में चल रहा है। लंबित विवाद के कारण और अंतिम निर्णय नहीं आने के कारण पीएससी न तो भर्ती प्रक्रिया पूरी कर पा रहा है न ही अंतिम चयन सूची जारी कर रहा है। इससे प्रदेशभर के लाखों युवा हताश है। दरअसल ये वे युवा है जो वर्षों से पीएससी परीक्षाओं की तैयारी में अपना समय और रुपया खर्च कर रहे हैं। युवाओं के अनुसार कोर्ट की ओर से अंतिम निर्णय जल्द सुनाने की मांग की जा रही है।
याचिकाकर्ता छात्र आकाश पाठक के अनुसार हाई कोर्ट में अभ्यर्थी इंटरविनर याचिका दाखिल कर रहे हैं। दरअसल कहीं न कहीं मामला लंबित होने से पीएससी के छात्र प्रभावित है। हम एक पक्ष के तौर पर इसलिए शामिल होना जा रहे हैं क्योंकि परीक्षाओं में देरी का असर हम भी पड़ रहा है। ऐसे में कोर्ट से मांग कर रहे हैं कि हमारा पक्ष सुनकर इस प्रकरण पर जल्द सुनवाई पूरी कर अंतिम निर्णय सुनाया जाए।