भोपाल। लंबे समय से लोग मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के अलावा किसी तीसरी ऐसी पार्टी का इंतजार कर रहे थे जिसमें भाजपा और कांग्रेस के गुण तो हो लेकिन दोष ना हो। लोगों को आम आदमी पार्टी से उम्मीद थी। वह तो नहीं आई लेकिन भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी श्री वरद मूर्ति मिश्रा ने अपनी नई पॉलिटिकल पार्टी की घोषणा कर दी है। इसका नाम है VBP- वास्तविक भारत पार्टी।
VBP की कार्यकारिणी, पार्टी का भविष्य तय करेगी
पूर्व आईएएस वरद मूर्ति मिश्रा का कहना है कि उनकी पार्टी 2023 का विधानसभा चुनाव लड़ेगी, मध्य प्रदेश का इतिहास बताता है कि इस प्रकार अचानक बनी हुई कई सारी पार्टियां 230 विधानसभा सीटों पर अपने कैंडिडेट भी नहीं उतार पाई थी। पिछली बार अजाक्स पार्टी के उम्मीदवारों की जमानत भी नहीं बच पाई थी। निश्चित रूप से मध्यप्रदेश में तीसरी पार्टी की गुंजाइश है परंतु वह पार्टी किसी जातिवाद या आंदोलन से पैदा नहीं होनी चाहिए। वास्तविक भारत पार्टी की कार्यकारिणी ही मध्यप्रदेश में इस पार्टी का भविष्य तय करेगी।
VBP के संस्थापक वरदमूर्ति मिश्रा का पहला पॉलीटिकल बयान
वरदमूर्ति मिश्रा ने लिखा कि मैं और मेरे सभी साथी अब एक राजनीतिक पार्टी के रूप में आपकी लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं। हम एक बहुत ही बेहतर शासन व्यवस्था, रोजगार का बड़े पैमाने पर सृजन, बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य और पेयजल के साथ-साथ राशन की बेहतर उपलब्धता के लिए समर्पित होकर काम करना चाहते हैं। शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर उपलब्धता के बिना सुखी और संपन्न जीवन असंभव है।
सरकारों ने आपको कष्ट के अलावा कुछ नहीं दिया है। कृपया अच्छे, समझदार और विनम्र लोगों को अवसर दीजिए कि वे आपकी सेवा कर सकें। शीर्ष पर जब तक कोई तकनीकी समझ, समस्याओं का हल जानने वाला नहीं बैठेगा, तब तक हम केवल वोट देते रहेंगे, सरकार बनाते रहेंगे, पर समाज जहां का तहां रह जाएगा।
एक पीढ़ी इस विसंगति में ही बर्बाद होकर निकल गई है। अब दूसरी पीढ़ी भी दांव पर लगने वाली है। कृपया स्वयं एवं समाज के भविष्य पर चिंतन करिए। हम कब तक प्रतीक्षारत रहें। अब समय आ गया है कि हम नए तरीके और व्यवस्था को स्थान दें।
अरविंद केजरीवाल मध्यप्रदेश क्यों नहीं आए
मध्यप्रदेश में कई लोगों को आम आदमी पार्टी से बड़ी उम्मीद थी। लोगों ने अरविंद केजरीवाल को अप्रोच किया। आम नागरिकों ने सोशल मीडिया पर आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल को मध्य प्रदेश आने के लिए अपील की परंतु यह एक अनुसंधान का विषय है कि अरविंद केजरीवाल मध्यप्रदेश नहीं आए। हाल ही के चुनाव में मध्यप्रदेश में आम आदमी पार्टी को जो जीत मिली है, असल में वह जीत प्रत्याशियों की है। पार्टी तो चुनाव परिणाम वाले दिन तक गंभीर नहीं थी।