नई दिल्ली। हरियाणा सिविल सेवा (अवकाश) नियम, 2016 में संशोधन कर दिया गया है। गजट नोटिफिकेशन के बाद हरियाणा सिविल सेवा (अवकाश) संशोधन नियम, 2022 लागू हो जाएगा। इसके तहत ऐसे पुरुष कर्मचारियों को भी 2 साल चाइल्ड केयर लीव का अधिकार प्राप्त हो जाएगा। जिनकी पत्नी जीवित नहीं है अथवा वैधानिक रूप से बच्चों को उनके पास छोड़कर पृथक हो गई है। इससे पहले तक केवल महिला कर्मचारियों को चाइल्ड केयर लीव दी जाती थी।
हरियाणा राज्य एकल पुरुष सरकारी कर्मचारी चाइल्ड केयर लीव अधिकार
संशोधन के अनुसार, एकल पुरुष सरकारी कर्मचारी और महिला सरकारी कर्मचारी 18 वर्ष की आयु तक की अपनी दो संतानों की देखभाल के लिए संपूर्ण सेवाकाल के दौरान अधिकतम 2 साल की अवधि के लिए चाइल्ड केयर लीव का लाभ उठा सकते हैं। हरियाणा सिविल सेवा (अवकाश) नियम, 2016 के नियम 46 में संशोधन कर भारत सरकार की तर्ज पर महिला सरकारी कर्मचारियों के अलावा एकल पुरूष सरकारी कर्मचारियों को चाइल्ड केयर लीव की स्वीकृति दी गई है।
नियम 46, उप-नियम (1) के स्थान पर निम्नलिखित उप-नियम-चाइल्ड केयर लीव केवल 18 वर्ष की आयु तक के अपने दो बड़े जीवित बालकों (संतानों) की देखभाल के लिए संपूर्ण सेवाकाल के दौरान अधिकतम दो साल की अवधि के लिए स्वीकार्य होगा, परंतु इस 730 दिनों की अवधि में एकल पुरुष सरकारी कर्मचारी द्वारा आवेदन प्रस्तुत करने से पूर्व किसी राज्य सरकार या भारत सरकार के अधीन काम करने के दौरान महिला सरकारी कर्मचारी द्वारा उन्हीं दो बड़े बालकों की माता के रूप में ली गई चाइल्ड केयर लीव, यदि कोई हो, शामिल है, प्रतिस्थापित किया जाएगा।
दिव्यांग संतान के लिए चाइल्ड केयर लीव में आयु सीमा बंधन नहीं
इसके अलावा, 18 वर्ष से कम आयु की शर्त दिव्यांग बालकों पर लागू नहीं होगी, यदि सक्षम चिकित्सा प्राधिकारी द्वारा जारी किए गए अशक्तता प्रमाण पत्र के अनुसार अशक्तता 60 प्रतिशत से अधिक है और दिव्यांग बच्चा पूरी तरह से महिला या एकल पुरुष सरकारी कर्मचारी पर निर्भर है।