बहुत से मामले में देखने को मिलता है कि आम व्यक्ति की भूमि पर कोई व्यक्ति जबर्दस्ती कब्जा कर लेता है। ऐसे में वह इसकी शिकायत पुलिस थाने में करता है थाना अधिकारी ऐसे मामले को संज्ञान नहीं लेते हैं क्योंकि यह उनके कर्तव्य क्षेत्र का मामला नहीं होता है ऐसे मामले में वह कार्यवाही नहीं कर सकते हैं आम व्यक्ति को लगता है की हमारी सुनवाई नहीं हो रही है आज हम आपको बताएंगे की ऐसे मामले की सुनवाई एवं कार्यवाही करने का अधिकार किसे हैं।
मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता, 1959 की धारा 250 की परिभाषा:-
अगर कोई व्यक्ति किसी भूमिस्वामी की भूमि पर अनुचित कब्जा कर लेता है तब पीड़ित पक्षकार तहसीलदार को भूमि पर से कब्जा हटवाने के लिए आवेदन करेगा। तहसीलदार उक्त धारा के अंतर्गत ऐसी भूमि के से कब्जा हटवायेगा।
धारा 250 भू राजस्व संहिता- पीड़ित व्यक्ति एवं आवेदन की अवधि
1. अनुसूचित जनजाति वर्ग का का सदस्य हैं वह 1 जुलाई 1976 के पहले बेदखल कर दिया गया हो तो 1 जुलाई 1978 के पूर्व का कब्जा किया हो तब भूमि के क्षेत्र में तहसीलदार को कभी भी आवेदन कर सकता है।
2. अन्य मामले में आदिवासी अवैध कब्जा के लिए तारीख से पाँच वर्ष के भीतर तहसीलदार को कब्जा पुनः प्राप्त के लिए आवेदन कर सकता है।
★ अन्य व्यक्ति जो अनुसूचित जनजाति का सदस्य नहीं है वह पुनः कब्जा प्राप्त करने के लिए तहसीलदार को दो वर्ष के भीतर आवेदन कर सकता है।
राजस्व धारा 250- महत्वपूर्ण नोट:-
• इस धारा के अनुसार पीड़ित व्यक्ति को पुनः कब्जा दिलवाने का दायित्व तहसीलदार का है।
• भूमि स्वामी को आवेदन के साथ यह साक्ष्य देना होगा की जब उसकी भूमि पर कब्जा किया गया था तब भूमि का स्वामी स्वंय था।
• तहसीलदार द्वारा विरोधी पक्षकार से आवेदक को भूमि का प्रतिकर भी दिलवा सकता है।
• ऐसी भूमि के बाजार मूल्य के बीस प्रतिशत रुपये तक दण्ड अधिरोपित की जा सकता है।
धारा 250 की कार्रवाई, दण्ड का प्रावधान:-
उपखण्ड अधिकारी (SDO) धारा 250(क) के अंतर्गत दण्ड का प्रावधान करेगा जब व्यक्ति को अवैध कब्जा वापस करने का आदेश जारी हो गया है एवं आदेश जारी होने के सात दिन के भीतर कब्जा वापस नहीं करता है तब उसे 15 दिन की कालावधि के लिए सिविल जेल भेज देगा।
• द्वितीय या दोबारा कब्जे के आदेश के बाद तीन माह की जेल भेज दिया जाएगा।
◆ पीड़ित व्यक्ति सिविल कब्जे को पुनः प्राप्ति के लिए सिविल वाद भी ला सकता है (बाबू लाल बनाम कालूराम वाद)। (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665
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