भोपाल। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक बार फिर से भारत में आरक्षण का मुद्दा भड़का दिया है। छत्तीसगढ़ सरकार ने विधानसभा में आरक्षण संशोधन विधेयक पारित कर दिया। इसमें जनसंख्या के आधार पर 76% आरक्षण का प्रावधान किया गया है। इसके बाद पूरे देश में जनसंख्या के आधार पर EWS आरक्षण निर्धारित करने की मांग उठने लगी है।
भारत में निर्धन नागरिकों की आबादी 52%
विशेषज्ञों ने दावा किया कि भारत में सरकार द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुसार निर्धन नागरिकों की आबादी 52% है। इस हिसाब से सरकारी नौकरी एवं शिक्षा में EWS आरक्षण कम से कम 30% होना चाहिए। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी की सरकार ने जनसंख्या के आधार पर पिछड़ा वर्ग के लिए 27% और निर्धन नागरिकों के लिए सिर्फ 4% आरक्षण निर्धारित किया है।
छत्तीसगढ़ की राज्यपाल ने राष्ट्रपति से समय मांगा
आरक्षण विवाद इतना अधिक बढ़ गया है कि छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके दिल्ली रवाना हुईं। अपने तीन दिवसीय दिल्ली प्रवास के दौरान राज्यपाल 20 दिसंबर को सुबह 11 बजे वह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात करेंगी। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमितशाह से भी मिलने के लिए समय मांगा है।