BHOPAL EXPRESS- पटरी पर दौड़ती ट्रेन में आग लगने वाली थी, विदिशा के यात्री ने बचाया

Bhopal Samachar
भोपाल
। रेल मंत्रालय के अधिकारियों से लेकर रेल मंत्री तक जिस यात्री को ग्राहक समझकर हर तीज-त्यौहार पर उसकी जेब काटने के लिए दोगुना किराए वाली स्पेशल ट्रेन चलाते हैं। आज उसी ग्राहक ने एक ऐसे रेल एक्सीडेंट को घटित होने से बचा लिया, जिसके कारण दुनिया भर में रेलवे की बेज्जती तो होती ही, रेल मंत्री को इस्तीफा भी देना पड़ सकता था।

भोपाल एक्सप्रेस ट्रेन में आग लगने वाली थी

दिल्ली से भोपाल के लिए रवाना हुई, भोपाल एक्सप्रेस ट्रेन में आग लगने वाली थी। यह लिखना जरूरी है कि यह वही ट्रेन है जिस पर रेलवे गर्व करता है। अपनी सबसे अच्छी ट्रेन में से एक बताता है। इसके लिए यात्रियों से कुछ एक्स्ट्रा पैसा भी लिया जाता है। ट्रेन पटरी पर दौड़ रही थी, जबकि उसके ब्रेक शू जाम हो चुके थे। न केवल धुआं निकलने लगा था बल्कि इतना ज्यादा हो गया था कि बोगी में भरने लगा था। यदि विदिशा का आकाश समय पर रेलवे को अलर्ट नहीं करता तो पटरी पर दौड़ती ट्रेन में आग लग जाती।

विदिशा के आकाश सक्सेना ने बड़ा रेल हादसा बचाया 

विदिशा के आकाश सक्सेना इसी ट्रेन में सफर कर रहे थे। उन्होंने ही 139 रेलवे को सूचना दी और इस सूचना के लिए रेलवे के इंजीनियरों ने आकाश को थैंक्यू बोला। आकाश ने बताया कि, मैं और मेरी बड़ी बहन नई दिल्ली से विदिशा के लिए 12156 भोपाल एक्सप्रेस में सफर कर रहे थे। 

भोपाल एक्सप्रेस के TTE ने भी ध्यान नहीं दिया

हजरत निजामुद्दीन स्टेशन से ट्रेन जैसे ही आगे बढ़ी तो 10 मिनट बाद मुझे कुछ जलने की बदबू आई और बाहर से खिड़की से धुंआ आते दिखा। मैंने अपने एक सहयात्री को बताया तो उन्होंने इसे कोहरा कहते हुए मेरी बात को टाल दिया। मैंने टीटीई को भी इसकी शिकायत की, लेकिन उन्होंने भी मेरी बात पर ध्यान नहीं दिया। 

भोपाल एक्सप्रेस- धुंआ गाड़ी के अंदर भरने लगा था

बाद में धुंआ धीरे-धीरे बढ़ने लगा और करीब 55 मिनट बाद ऐसे लगा कि जैसे कोई आग लग गई हो और पूरे कोच में धुंआ भरने लगा। गाड़ी की रफ्तार कम होते ही एस-5 और एस-6 कोच के बीच के ज्वाइंट से धुंआ आता दिख रहा था। ट्रेन में जैसे ही ब्रेक लग रहे थे। धुंआ तेजी से गाड़ी के अंदर भर रहा था। 

रेलवे सहायता नंबर 139 की तरफ से अच्छा रिस्पांस मिला

मैंने तुरंत ही 139 पर कंप्लेंट की। वहां से मुझसे पूरी तरह से आश्वासन लिया गया। उसके बाद पांच मिनट बाद रेलवे ने टीम को भेजा। मुझे मोबाइल पर फोन कर इसकी जानकारी भी दी गई। ट्रेन रुकते ही मैं सबसे पहले दूसरे कोच में गया। सब जगह स्थिति सामान्य थी। केवल हमारे ही कोच में धुंआ भर रहा था। ट्रेन रुकते ही नीचे देखा तो रेलवे का आठ लोगों का अमला बोगी के नीचे जाकर जांच कर रहा था। 

रेलवे के अधिकारी ने धन्यवाद दिया

अधिकारियों की आपसी चर्चा में पता चला कि गाड़ी के बुश या ब्रेक जाम हो रहे थे। लगभग एक घंटे की मेहनत के बाद अधिकारियों ने गाड़ी को ठीक किया। रेलवे के एक अधिकारी ने समय पर जानकारी देने के लिए मुझे रेलवे की ओर से धन्यवाद दिया और अन्य यात्रियों को भी सफर के दौरान हमेशा सजग रहने की बात कही। कोच में चढ़ते ही सब लोगों ने मेरा जोरदार स्वागत किया।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!