भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की गोविंदपुरा विधानसभा सीट से विधायक श्रीमती कृष्णा गौर ने मिलावटी, घटिया और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक खाद्य सामग्री के मामले में विधानसभा सदन में स्वास्थ्य मंत्री का घेराव कर डाला।
जब सैंपल फेल हो गया, तो मामला कोर्ट में पेश क्यों नहीं किया: कृष्णा गौर
विधायक कृष्णा गौर ने विधानसभा में शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन कहा- अशुद्ध और मिलावटी खाद्य सामग्री सेहत पर बुरा असर डालती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट का हवाला देते हुए स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी से पूछा- जो पांच सैंपल पनीर के लिए गए थे, उसकी एक दिन बाद रिपोर्ट आ गई। जांच में सैंपल अमानक पाया गया। इसके बावजूद इस मामले को न्यायालय में पेश नहीं किया गया। ये अधिकारियों की लापरवाही है।
विधायक कृष्णा गौर ने सदन को मुद्दे से भटकने नहीं दिया
स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी जैसे ही जवाब देने के लिए उठे, ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक होने के कारण कांग्रेस पार्टी के विधायकों ने उन पर टीका टिप्पणी करना शुरू कर दिया। स्वास्थ्य मंत्री ने भी सवाल का जवाब छोड़कर, कांग्रेस पार्टी के विधायकों के आरोपों का जवाब देना शुरू कर दिया लेकिन विधायक कृष्णा गौर ने एक बार फिर सदन को मूल मुद्दे की ओर खींच लिया। उन्होंने कहा कि, ये गंभीर मामला है।
मैं अपना सवाल उठाने में सक्षम हूं, कोई बीच में न बोले: कृष्णा गौर
विधानसभा अध्यक्ष श्री गिरीश गौतम ने उनका समर्थन करते हुए कहा कि, हंगामे पर स्पीकर ने कहा- जैसे तैसे महिलाओं का नंबर आता है। आप लोग क्या चाहते हैं कि महिलाओं को बोलने का मौका न मिले। कृष्णा गौर ने कहा- मैं अपना सवाल उठाने में सक्षम हूं, कोई बीच में न बोले।
श्रीमती कृष्णा गौर और स्वास्थ्य मंत्री के बीच सवाल जवाब
- स्वास्थ्य मंत्री श्री प्रभु राम चौधरी ने कहा- 16 कारोबारियों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं। मामला कोर्ट में लंबित है।
- श्रीमती कृष्णा गौर ने कहा- जो मामले विवेचनाधीन हैं, इसका मतलब है कि वो मामले कोर्ट में पेश नहीं किए गए। इसमें किन अधिकारियों की लापरवाही है।
- स्वास्थ्य मंत्री ने कहा- केस के बाद उनकी जांच होती है, इसके बाद न्यायालय में भेजे जाते हैं। 67 मामले कोर्ट भेजे गए हैं।
- कृष्णा गौर- 11 महीने से पेंडिंग मामले को कोर्ट में क्यों पेश नहीं किया गया।
- श्रीमती कृष्णा गौर- जब रिपोर्ट पांच महीने बाद आएगी, तो न्यायालय में कब मामला पेश किया जाएगा।
- स्वास्थ्य मंत्री- एक महीने के अंदर ये मामले कोर्ट में पेश कर दिए जाएंगे।